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    Electricity Crisis: ट्रांसमिशन लाइनों के ठप होने की जांच कराने की मांग, 765 केवी लाइन में ब्रेकडाउन से मचा हड़कंप

    By Prabhapunj MishraEdited By:
    Updated: Tue, 26 Jul 2022 09:04 AM (IST)

    Electricity Crisis उत्‍तर प्रदेश में 1200 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई अनपरा-डी से उन्नाव 765 केवी ट्रांसमिशन लाइन प‍िछले कई महीनों से ठप पड़ी है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद इसकी जांच कराने की मांग की है।

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    उपभोक्‍ता पर‍िषद ने की ट्रांसमिशन लाइनों के ठप होने की जांच कराने की मांग

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। 1200 करोड़ रुपये से जिस अनपरा-डी से उन्नाव 765 केवी ट्रांसमिशन लाइन को बनाया गया वह पिछले कई महीने से ठप है। इस बीच सोमवार को दोपहर लगभग 12.31 बजे लैंको-उन्नाव 765 केवी लाइन में ब्रेकडाउन से ग्रिड अनुशासन पर संकट खड़ा हो गया।

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    जैसे-तैसे अनपरा की ए,बी,सी व डी तापीय उत्पादन यूनिटों से लगभग 900 मेगावाट की थर्मल बैक‍िंग (बिजली का उत्पादन घटाना) कराकर दो घंटे में ग्रिड को संभाला जा सका। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने लाइनों के ठप होने और इससे उत्पादन प्रभावित होने की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।

    वर्मा ने इस मामले में पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन पर तकनीकी उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले इस मामले को दबाने की कोशिश की गई लेकिन पोल खुलने पर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को पत्र लिखकर गलती को सुधारने के लिए अब समय मांगा गया है।

    वर्मा ने बताया कि अनपरा डी व लैंको से अभी तक अलग अलग दो 765 केवी की लाइन उन्नाव में आकर मिल रही हैं। 1200 करोड़ से बनी अनपरा-डी लाइन पिछले वर्ष नवंबर से चालू है। ओबरा सी के निर्माण को देखते हुए उससे लाइन जोडऩे के दौरान तकनीकी गड़बड़ी होने पर फरवरी से 765 केवी वाली लाइन ठप है। परिषद अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले की जानकारी विद्युत नियामक आयोग सहित सक्षम प्राधिकरण को दी है।

    लाइनें ठप होने के प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए वर्मा ने कहा कि यह भी देखा जाए कि थर्मल बैक‍िंंग से कितना उत्पादन प्रभावित हुआ और उसकी भरपाई के लिए कितनी महंगी बिजली खरीदी गई जिसका बोझ अंतत: उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।