बिजली निजीकरण के खिलाफ 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली, प्रीपेड स्मार्ट मीटरों पर रोक की भी उठाएंगे मांग
दिल्ली में बिजली निजीकरण के खिलाफ 18 मार्च को एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी। इस रैली का मुख्य उद्देश्य बिजली के निजीकरण का विरोध करना और प्रीपेड स्मार ...और पढ़ें

बिजली निजीकरण के खिलाफ 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों के राष्ट्रीय समन्वय समिति, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में तय किया गया कि बिजली के निजीकरण व विद्युत (संशोधन) बिल-2025 के खिलाफ संयुक्त आंदोलन किया जाएगा। इन दोनों मुद्दों के साथ ही परमाणु ऊर्जा संशोधन बिल के विरोध में 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली की जाएगी।
रविवार को दिल्ली में आयोजित इस बैठक की जानकारी देते हुए आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआइपीईएफ) के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया है कि बैठक में चर्चा का मुख्य केंद्र बिजली निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल था।
केंद्र सरकार से ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल की वापसी, यूपी में पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रयास रोकने, परमाणु ऊर्जा अधिनियम तथा नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों की वापसी, प्रीपेड स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर रोक की मांग की है।
इसके अलावा, बिजली उत्पादन, पारेषण तथा वितरण का निजीकरण तथा फ्रेंचाइजी मॉडल की वापसी, किसानों तथा अन्य उपभोक्ताओं के लिए बिजली के अधिकार की रक्षा और देशभर में बिजली टैरिफ को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की गई।
निर्णय लिया है कि यदि परमाणु ऊर्जा अधिनियम तथा नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव संसद में रखा जाता है तो देश भर में इसका विरोध किया जाएगा। जनवरी और फरवरी में देश भर में विशाल सम्मेलनों व रैलियों के कार्यक्रम किए जाएंगे।

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