NCERT के अनुरूप बदलेगा D.El.Ed पाठ्यक्रम, नए एजुकेशन मैथड के अनुसार अपडेट करने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में, बेसिक शिक्षा विभाग एनसीईआरटी के अनुरूप डी.एल.एड पाठ्यक्रम में बदलाव करेगा। पाठ्यक्रम को नए एजुकेशन मैथड के अनुसार अपडेट करने की तैया ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कक्षा एक से आठ तक एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) का पाठ्यक्रम लागू होने के बाद अब डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) का पाठ्यक्रम भी पूरी तरह बदल जाएगा। एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) ने माना है कि पुराने पैटर्न से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के बाद नई एनसीईआरटी की पुस्तकों को पढ़ाने में व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं।
इसी वजह से डीएलएड पाठ्यक्रम को अब एनसीईआरटी के मानकों, नई शिक्षण पद्धतियों और सीखने के परिणामों के अनुरूप अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। परिषदीय विद्यालयों में कक्षा तीसरी तक एनसीईआरटी आधारित पाठ्यक्रम पूरी तरह लागू किया जा चुका है। अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से चौथी कक्षा में भी एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाएंगी। अगले तीन वर्षों में परिषदीय स्कूलों में एनसीईआरटी आधारित पाठ्यक्रम पूरी तरह लागू हो जाएगा।
उसी लाइन में अपडेट होना अनिवार्य
ऐसे में शिक्षक प्रशिक्षण का भी उसी लाइन में अपडेट होना अनिवार्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए डीएलएड पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि भविष्य के शिक्षक नई शिक्षा व्यवस्था के अनुरूप दक्ष बन सकें। अब तक डीएलएड की पढ़ाई पुराने सिलेबस पर आधारित थी, जबकि परिषदीय विद्यालयों में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जा रही हैं।
ऐसे में प्रशिक्षण और वास्तविक कक्षा-शिक्षण के बीच बड़ा अंतर पैदा हो गया था। परिषद का मानना है कि प्रशिक्षु शिक्षक अगर एनसीईआरटी पैटर्न के अनुसार तैयार नहीं होंगे तो बच्चों को नई पुस्तकों के हिसाब से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चुनौतीपूर्ण होगा। एससीईआरटी संशोधित ड्राफ्ट तैयार कर रहा है। उम्मीद है कि नया पाठ्यक्रम लागू होने से प्रशिक्षु शिक्षक एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को बेहतर समझ पाएंगे और उसी के अनुसार पढ़ाने की तैयारी कर सकेंगे।
संशोधित पाठ्यक्रम में प्रायोगिक गतिविधियों को विशेष रूप से शामिल किया जा रहा है ताकि शिक्षक प्रशिक्षण सीधे कक्षा में उपयोगी साबित हो सके। परिषद के निदेशक गणेश कुमार ने बताया कि डीएलएड पाठ्यक्रम अपडेट करने पर तेजी से काम चल रहा है। इसमें एनसीईआरटी के कंटेंट और नई पद्धतियों की जरूरत के आधार पर बदलाव किए जा रहे हैं।

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