सर्दी के मौसम में इन पौधों से सजाएं अपनी बगिया, जानें- क्या कहते हैं एनबीआरआइ के विशेषज्ञ
सर्दियों का मौसम कम धूप और ठंडे तापमान के साथ कठोर होता है। कई फूल वाले पौधे अपने पत्ते छोड़ देते हैं और सर्दियों के मौसम में सूख भी जाते हैं। लेकिन कुछ पौधे ऐसे हैं जो ठंड में यानी सर्दियों के मौसम में ही फलते फूलते हैं।

लखनऊ, (रामांशी मिश्रा)। सर्दियों का मौसम कम धूप और ठंडे तापमान के साथ कठोर होता है। कई फूल वाले पौधे अपने पत्ते छोड़ देते हैं और सर्दियों के मौसम में सूख भी जाते हैं। लेकिन कुछ पौधे ऐसे भी हैं, जो साल के ठंडे महीनों में यानी सर्दियों के मौसम में ही फलते फूलते हैं। इनमें ज्यादातर फूलों के पौधे वार्षिक होते हैं। ये वर्ष में एक बार ही लगते हैं।
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की प्रयोगशाला राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआइ) के निदेशक प्रो. एस के बारिक ने बताया कि सर्दियों के मौसमी फूलों के बीज बोने का सही समय अक्टूबर माह के अंत में या नवंबर माह के मध्य तक होता है। चूंकि अब बीज बोने का समय निकल चुका है तो अब छोटे पौधे लगाए जा सकते हैं। एनबीआरआइ में भी फूलों के पौधे उपलब्ध होने पर मिल सकते हैं। इसके लिए एनबीआरआइ के विपणन विभाग 0522-2297970 के नंबर पर फोन कर जानकारी ली जा सकती हैं।
सर्दी के मौसमी फूलः एनबीआरआइ के मुख्य वैज्ञानिक डा. एस के तिवारी ने बताया कि सर्दियों के मौसम में गेंदा, डेहलिया, पैंजी, पेटुनिया, इंग्लिश प्राइमरोज, साइनेरिया, सालविया, बर्बीना, मैरीगोल्ड, ब्लू मैरीगोल्ड, एस्टर, फ्लाक्स जैसे पौधे लोगों की पसंद बनते हैं। साथ ही आसानी से लगाए जा सकते हैं। डा. एस के तिवारी ने बताया कि पौधे खरीदते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि पौधे स्वस्थ हों और उनमें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी न हो, पौधा मुरझाया हुआ या कटा फटा न हो। इन फूलों को अपने गमले या क्यारी में लगाया जा सकता है। डा. एस के तिवारी के अनुसार पौधरोपण हमेशा दोपहर के बाद- शाम में किया जाना चाहिए ताकि पौधे को ट्रांसप्लांङ्क्षटग शाक (प्रत्यारोपण सदमा) न लगे। शुरुआती दिनों में पौधे को पानी नियंत्रित रूप से दें, फिर कुछ समय बाद पौधे को नियमित रूप से पानी दिया जाना चाहिए। जैसे- जैसे पौधा बड़ा होता जायेगा उसे अधिक पानी की आवश्यकता होगी।
पिचिंग से आएगी बेहतरीः ज्यादातर फूलों के पौधों को पिचिंग करने की आवश्यकता होती है। डा. एस के तिवारी बताते हैं कि पिचिंग की प्रक्रिया में पौधों के ऊपरी हिस्से की काट-छांट की जाती है। इससे उनमें
नई शाखाएं आती है जिससे गमला भरा सा लगता है। जैसे, गेंदा के फूल को पिचिंग की आवश्यकता होती है। इसके अलावा डहेलिया के फूल में भी पिचिंग की जा सकती है, लेकिन यदि आप को एक बड़ा फूल चाहिए तो आप पिचिंग न करें।
न इकत्रित करें ये बीजः डा. एस के तिवारी ने बताया कि हाइब्रिड किस्मों के पौधों से बीज एकत्रित करने की जरूरत नहीं होती क्योंकि वह बीज उपयोगी नही होंगे। हाइब्रिड के बीज नर और मादा दोनों को अलग कर बनाए जाते हैं। इस कारण इस पौधे के बीजों में केवल नर या मादा बीज के गुण होंगे जो अकेले पौधे का रूप लेने में असमर्थ है। हालांकि जिन पौधों की हाइब्रिड किस्में न ली गईं हों, उनके बीज एकत्र किये जा सकते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।