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    यूपी के बिजलीकर्मियों ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान, निजीकरण के खिलाफ सरकार को खुली चुनौती

    दक्षिणांचल व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों ने 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। 16 अप्रैल से 28 मई तक चरणबद्ध आंदोलन चलेगा। राजधानी लखनऊ में 25 हजार कर्मचारियों की रैली निकाली गई। वक्ताओं ने चेताया कि उत्पीड़न हुआ तो हड़ताल तत्काल शुरू होगी। आंदोलन का समर्थन उपभोक्ता परिषद ने भी किया है।

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 09 Apr 2025 08:40 PM (IST)
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    बिजली के निजीकरण के विरोध में 29 मई से कार्य बहिष्कार

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों ने निर्णायक आंदोलन का एलान कर दिया है। विद्यु़त कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर लखनऊ में निकाली गई रैली में बड़ी संख्या में शामिल अभियंताओं-कर्मचारियों ने ताकत दिखाई।

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    फिर आम सभा में वक्ताओं ने आर-पार की लड़ाई की घोषणा की और कहा कि यदि सरकार ने निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया तो 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इससे पहले 16 अप्रैल से 28 मई तक चरणबद्ध आंदोलन चलेगा।

    पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा निजीकरण की प्रक्रिया शुरू किए जाने के साथ ही विद्युत अभियंता व कर्मचारी संघों के साथ ही उपभोक्ता संगठन विरोध कर रहे हैं। बुधवार को संघर्ष समिति द्वारा राजधानी में आयोजित रैली में प्रदेश भर से विद्युत कर्मी जुटे।

    25 हजार की भीड़ जुटने का दावा करते हुए समिति ने कहा कि अन्य राज्यों के संगठनों के पदाधिकारी और अभियंता भी रैली में आए। राणा प्रताप मार्ग स्थित हाईडिल फील्ड हास्टल से शुरू हुई रैली सिकंदरबाग चौराहा, अशोक मार्ग, इंदिरा भवन, जवाहर भवन, शक्तिभवन होते हुए मीराबाई मार्ग के रास्ते वापस फील्ड हास्टल पहुंची।

    यहां हुई सभा में निर्णय लिया गया कि 16 से 30 अप्रैल तक जन-जागरण पखवाड़ा चलाया जाएगा, जिसमें प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों को निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दिए जाएंगे। जिलों में विरोध सभा की जाएंगी। एक मई को मजदूर दिवस पर सभी जिलों और परियोजनाओं में बाइक रैली निकाली जाएगी।

    दो से नौ मई तक शक्ति भवन मुख्यालय पर क्रमिक अनशन किया जाएगा, जिसमें अलग-अलग दिन विद्युत वितरण निगमों और परियोजनाओं के बिजली कर्मी व उत्तरी भारत के विभिन्न प्रान्तों के कर्मी व अभियंता भी सम्मिलित होंगे।

    14 से 19 मई तक नियमानुसार कार्य आंदोलन चलाया जाएगा, जिसके तहत बिजली कर्मी तय ड्यूटी और कार्य अवधि के अलावा काम नहीं करेंगे। 14 मई को उत्तरी भारत के सभी प्रांतों के बिजली कर्मी प्रदर्शन करेंगे। 20 मई को सभी ऊर्जा निगमों के व्यापक विरोध-प्रदर्शन होंगे। 21 से 28 मई तक दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इसके बाद 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार होगा।

    वक्ताओं ने दी चेतावनी 

    आम सभा में वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि आंदोलन के कारण किसी कर्मी पर कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की गयी तो उसी समय से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा। सरकार, निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेगी तो देश के 27 लाख बिजली कर्मी राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे।

    रैली को आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे, सेक्रेटरी जनरल पी रत्नाकर राव, आल इंडिया फेडरेशन आफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज के सेक्रेटरी जनरल मोहन शर्मा, आल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरके त्रिवेदी, इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज फेडरेशन आफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी सुदीप दत्त, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा, आल इंडिया पावर मेन्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी आरके पराशर, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमल अग्रवाल, अटेवा के अध्यक्ष विजय बंधु, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के अध्यक्ष अजय कुमार, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के जितेंद्र सिंह गुर्जर आदि ने संबोधित किया।

    उप्र राज्य विद्युत परिषद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन किया और निजीकरण तत्काल वापस लेने की मांग की।