यूपी में इन बैंक कर्मचारियों की बढ़ सकती है सैलरी, स्टाफ कास्ट इनकम रेशियो को बढ़ाकर 22.5 प्रतिशत करने की सिफारिश
लखनऊ राज्य के 16 कमजोर जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण पर समिति ने रिपोर्ट दी। 13 बैंकों के कर्मचारियों को 2011 से लागू वेतनमान देने की सिफारिश की गई है। स्टाफ कास्ट इनकम रेशियो को बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है जिससे सभी कर्मचारियों को फायदा होगा। मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि सिफारिशों पर विचार कर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य के वित्तीय रूप से कमजोर 16 जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) के कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण पर विचार के लिए बनाई गई समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इस रिपोर्ट में 13 जिला सहकारी बैंक जिनके कार्मिकों को वर्ष 1996 व वर्ष 2006 का वेतनमान मिल रहा है उन्हें एक अप्रैल 2011 से लागू वेतनमान दिए जाने की सिफारिश की गई है।
समिति ने स्टाफ कास्ट इनकम रेशियो को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 22.5 प्रतिशत किए जाने की सिफारिश भी की है।इस मानक के शिथिल होने का लाभ सभी जिला सहकारी बैंकों के कार्मिकों को मिलेगा।
जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारियों द्वारा लगातार वेतन पुनरीक्षण की मांग किए जाने पर सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर के निर्देश पर यूपीसीबी के एमडी ने 12 जुलाई 2024 को वेतन पुनरीक्षण पर विचार के लिए समिति की गठन किया था। इस समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट एमडी को दी।
सूत्र बताते हैं कि समिति ने एक अप्रैल 1996 का वेतनमान पा रहे जिला सहकारी बैंक बहराइच, बलिया, सुल्तानपुर, जौनपुर, सिद्धार्थनगर और हरदोई के साथ ही एक अप्रैल 2006 से लागू वेतनमान पा रहे जिला सहकारी बैंक गाजीपुर, देवरिया, वाराणसी, सीतापुर, फतेहपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर के कार्मिकों
को एक अप्रैल 2011 से लागू वेतनमान दिए जाने की सिफारिश की है। अन्य तीन कमजोर बैक इलाहाबाद, अयोध्या और बस्ती के कार्मिकों को वर्ष 2011 का वेतनमान पहले से मिल रहा है। इन बैंकों के कार्मिकों के अलावा अन्य 34 जिला सहकारी बैंकों के कार्मिकों को कर्मचारियों पर होने वाले खर्च के लिए तय बैंकों के मानक को शिथिल किए जाने का लाभ मिलेगा।
बैंकों के मानकों में शिथिलता प्रदान करते हुए स्टाफ कास्ट टू इनकम रेशियो को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 22.5 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। स्टाफ कास्ट टू वर्किग फंड भी डेढ़ प्रतिशत से बढ़ाकर दो प्रतिशत करने की सिफारिश है।
इसका लाभ भी सभी बैंक कर्मियों को मिलेगा।समिति ने जिला सहकारी बैंकों में सहायक महाप्रबंधक के 122 पदों को सृजित किए जाने की सिफारिश भी की है।मंत्री जेपीएस राठौर का कहना है कि 16 जिला सहकारी बैंक जो घाटे में चल रहे थे अब उनकी आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ है।
समिति ने जो भी सिफारिशें की हैं, उस पर गंभीरतापूर्वक विचार कर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। बैंंकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तो कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन देने में कोई दिक्कत नहीं है।
गौरतलब है कि समिति की सिफारिशें लागू होने पर अप्रैल 2096 का वेतनमान पाने वाले वर्ग एक में आने वाले व वरिष्ठ प्रबंधक जो अभी लगभग 59 हजार रुपये हर महीने पा रहे हैं उनका वेतन 95 हजार रुपये के लगभग हो जाएगा।कैशियर जो अभी लगभग 26 हजार रुपये हर महीने पा रहे हैं वह लगभग 41 हजार रुपये पाने लगेंगे।
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