एक पल को कुछ समझ में ही नहीं आया, आखिर हो क्या रहा... आतंकी कनेक्शन की बात कहकर लोगों को बनाया जा रहा शिकार
साइबर अपराधी आतंकी घटनाओं के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। लखनऊ में वरिष्ठ नागरिकों से 30 लाख रुपये की ठगी हुई। जालसाज पुलिस या एनआईए अधिकारी बनकर डराते हैं। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल पर जानकारी साझा न करने की सलाह दी है। सुरक्षा एजेंसी फोन पर पैसे नहीं मांगती, इसलिए घबराएं नहीं और तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। साइबर अपराधियों द्वारा आतंकी घटनाओं के नाम पर लोगों को ठगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। जालसाजों ने भोपाल में बुजुर्ग अधिवक्ता को जाल में फंसाया। तनाव में आने के कारण उन्होंने जान देदी। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी ठगी ने जिंदगी तबाह करने की कोशिश की हो। लखनऊ के आलमबाग और राजाजीपुरम निवासी वरिष्ठ नागरिकों को भी इसी तरह के जाल में फंसाया। उन्हें भी फोन कर बताया गया कि वे एक आतंकी मामले में फंस गए हैं और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो सकती है। डर के कारण दोनों से 30 लाख रुपये ऐंठ लिए।
पीड़ितों ने बताया कि जब काल आया और आतंकी से तार जुड़े होने की बात कही तो कुछ समझ में ही नहीं आया। उस दौरान उन्हें लगा जैसे उनकी पूरी जिंदगी खत्म हो गई है। डर, तनाव और अवसाद की हालत में वे परिवार से भी बात नहीं कर पा रहे थे। एक पल को ऐसा लगा कि अब जीने से कोई फायदा नहीं है। उनके कहने पर खातों के साथ-साथ पूरी जानकारी देदी।
हालांकि, परिजनों को बात बताई तो ठगी की जानकारी हुई है। परिवारीजन की काउंसिलिंग के बाद स्थिति को समझकर उन्हें संभाला और पुलिस से संपर्क कराया, जिसके बाद उन्हें बड़ी राहत मिली। पुलिस उपायुक्त अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि साइबर जालसाज कोई न कोई नया तरीका आम व्यक्ति को ठगने के लिए निकाल लेते हैं।
हाल ही में आतंकी घटना के बाद से साइबर अपराधी खुद को पुलिस, एनआइए या किसी सुरक्षा एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को डरा रहे हैं। विदेशी नंबरों से वीडियो काल कर नकली वारंट या फर्जी दस्तावेज दिखाना इनकी आम रणनीति है। इस तरह के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह लोग सेवानिवृत्त या बुजुर्गों को निशाना बना रहे हैं। क्योंकि जालसाज उन्हें “आतंकी पड़ताल” या “राष्ट्रीय सुरक्षा मामला” कहकर तुरंत दबाव में ला देते हैं।
सुरक्षा एजेंसी ऐसे नहीं करती काल: डीसीपी ने बताया कि कोई भी सुरक्षा एजेंसी ऐसे किसी भी काल नहीं करती है। ऐसे में बिल्कुल भी घबराएं नहीं, न ही किसी लिंक पर क्लिक करें या बैंक संबंधी जानकारी साझा करें। कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर पैसे नहीं मांगती। संदिग्ध काल आने पर तुरंत पुलिस हेल्पलाइन 112 या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें। अगर ऐसा कुछ होता है, तो तत्काल परिवार के अन्य लोगों से बात करें।

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