ADG और दारोगा बन युवक को चार घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, 1.50 लाख करा लिए ट्रांसफर
लखनऊ में एक व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हुआ। जालसाजों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उसे डिजिटल अरेस्ट में रखा और 1.50 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित को बताया गया कि उसके नंबर से अवैध गतिविधियां हो रही हैं और उसे पीएफआई से खतरा है। गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। साइबर जालसाजों ने खुद को दारोगा और एडीजी बताकर इंदिरानगर निवासी बृजेन्द्र कुमार जोशी को चार घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा। बातों में लेकर उनसे 1.50 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित ने बताया कि 14 अक्टूबर को उनके पास विशाल शर्मा नाम के एक व्यक्ति का फोन आया।
उसने खुद को डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड आफ इंडिया का कर्मचारी बताया और पीड़ित के नंबर से अश्लील बातें, वीडियो और मनी लांड्रिंग होने की बात कही। पीड़ित के मना करने पर उसने अपने सीनियर आनंद शर्मा से बात कराई। आनंद ने खुद को कोलाबा थाने में दारोगा बताया और उसने विश्वास नागरे पाटिल नाम के व्यक्ति से वीडियो काल पर बात कराई।
विश्वास ने खुद को एडीजी बताते हुए कहा कि इस काम में पीएफआइ का फाउंडर ओएम अब्दुल सलाम भी संलिप्त है और आपको खतरा है। बातों में लेकर जालसाजों ने उनसे दो बार में 1.50 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
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