साइबर अपराध से जुड़े 1200 खाते यूपी पुलिस ने कराए सीज, अब लोगों को रकम वापस करने की हो रही तैयारी
लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट और निवेश के नाम पर ठगी करने वाले अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने लगभग 1200 बैंक खातों को सीज कर दिया है, जिनमें कई शहरों के खाते शामिल हैं। यह कार्रवाई साइबर अपराधों में शामिल होने की पुष्टि के बाद की गई है, और अब पीड़ितों को रकम वापस दिलाने की तैयारी चल रही है। पुलिस खातों के संचालकों की तलाश कर रही है।

संतोष तिवारी, लखनऊ। साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट, निवेश के नाम पर ठगी, शेयर मार्केट में मुनाफे का झांसा देकर लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने वालों पर बड़ी कार्रवाई की है। साइबर क्राइम में लिप्त लगभग 1200 बैंक खाते पुलिए ने सीज कराए हैं। लखनऊ के साथ ही देशभर के कई शहरों के खाते इनमें शामिल हैं। साइबर अपराधों में शामिल होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। अब रकम वापसी की तैयारी भी की जा रही है।
बीते दिनों कई लोगों ने साइबर सेल और साइबर क्राइम थाने में ठगी के मुकदमे दर्ज कराए थे। इंटरनेट प्रोटोकाल (आइपी एड्रेस), बैंक के विवरण के आधार पर पुलिस ने छानबीन शुरू की तो अलग-अलग मामलों में सैकड़ों खातों में लेनदेन पता चला। इसी के आधार पर बैंक से जानकारी की गई तो लगभग 1200 अकाउंट शामिल होने की पुष्टि हुई।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) साइबर अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि सभी अकाउंट सीज कराने के बाद अब उनमें बची रकम रिकवरी के प्रयास जारी हैं। यह रकम पीड़ितों को वापस कराई जाएगी। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि इन खातों के संचालक कौन हैं। उनके बारे में जानकारी जुटाकर धरपकड़ के प्रयास जारी हैं। डीसीपी ने लोगों से अपील की है कि कम समय में अधिक धन कमाने के झांसे में न आएं।
म्यूल अकाउंट भी शामिल
पुलिस ने जो खाते सीज कराए हैं उनमें अधिकांश म्यूल अकाउंट हैं। ऐसे में इनके मालिक भी पुलिस रडार पर हैं। तकनीकी आधार पर पुलिस मालिकों की जानकारी जुटा रही है।
इन चीजों से बचें
- कोई मोबाइल पर गिरफ्तारी कर डर दिखाए तो पुलिस से शिकायत करें
- अविश्वसनीय वेबसाइट पर खरीदारी न करें
- अनाधिकृत एप को मोबाइल और अन्य डिवाइस में न रखें
- शेयर मार्केट और क्रिप्टो करंसी में निवेश के झांसे में न आएं
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