बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाइयों की बिक्री पर हो कठोर कार्रवाई: आइएमए
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाइयों की बिक्री पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। आइएमए अध्यक्ष ने कहा कि कफ सिरप को लेकर आशंकाएं हैं और नकली दवाओं के खिलाफ अभियान चलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बिना फार्मासिस्ट के चल रहे मेडिकल स्टोरों पर नकेल कसने की जरूरत है और दवाओं के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की अध्यक्ष डा. सरिता सिंह ने अपील की है कि केवल सिरप ही नहीं, कोई भी दवा बिना डाक्टर के पर्चे के मेडिकल स्टोर से बिक्री न हो।
यदि बिना चिकित्सीय सलाह के कोई फार्मेसी से दवा की बिक्री होती है तो उसके खिलाड़ी कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करना होगा, जिससे उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों में भी मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसी घटना न होने पाए। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से इस मामले की और नकली दवाओं के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। ऐसा करके हम निर्दोष लोगों की जान बचा सकते हैं।
डा. सरित ने बच्चों को दिए जाने वाले कफ सिरप को लेकर आशंका और अफवाह के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डाक्टर अपने मरीज के स्वास्थ्य से कभी कोई समझौता नहीं करता है और न ही करना चाहिए। मेरा मानना है कि एफएसडीए की तरफ से नियमित अभियान चलते रहना चाहिए, जिससे नकली एवं घटिया दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाया जा सके। लखनऊ में बड़ी संख्या में मेडिकल स्टोर का संचालन बिना फार्मासिस्ट के होता है।
इस पर भी नकेल कसने की जरूरत है। आइएमए के सचिव डा. संजय सक्सेना ने कहा, बच्चे हों या वयस्क किसी भी परेशानी पर विशेषज्ञ डाक्टर से ही परामर्श लें। कहीं भी, किसी भी डाक्टर की सलाह पर दवा का सेवन न करें। दवाओं के चयन और सेवन में सतर्कता जरूरी है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत बेहद चिंताजनक है। खासकर, बच्चों को सिरप लिखने व खरीदने से पहले अधिक ध्यान दें।
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