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    बुजुर्ग सूबेदार मेजर को नहीं मिली दिव्यांगता पेंशन, कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय पर जुर्माना लगाकर दिया सख्त निर्देश

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 05:46 PM (IST)

    एक बुजुर्ग सूबेदार मेजर को दिव्यांगता पेंशन न देने पर कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय पर जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने मंत्रालय के फैसले को गलत बताते हुए पेंशन जारी करने का सख्त निर्देश दिया। यह फैसला दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा के महत्व को दर्शाता है और न्याय की जीत है।

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    बुजुर्ग सूबेदार मेजर को नहीं मिली दिव्यांगता पेंशन।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। आदेश के बाद भी 82 वर्ष के बुजुर्ग सूबेदार मेजर लक्ष्मण सिंह को दिव्यांगता पेंशन नहीं दिए जाने पर सशस्त्र बल अधिकरण की लखनऊ पीठ ने कड़ी नाराजगी जतायी है। अधिकरण ने रक्षा मंत्रालय पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही 17 नवंबर तक आदेश का अनुपालन कर अधिकरण को अवगत कराने के आदेश दिया है।

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    अधिकरण ने सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर लक्ष्मण सिंह को नौ दिसंबर 2022 को रक्षा मंत्रालय को चार महीने के भीतर दिव्यांगता पेंशन देने का आदेश दिया था। रक्षा मंत्रालय ने अधिकरण के इस आदेश का अनुपालन ही नहीं किया। बुजुर्ग लक्ष्मण सिंह ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिस पर 19 नवंबर 2024 को अधिकरण को आदेश दिया गया कि वह चार महीने में आदेश का पालन कराए।

    19 नवंबर को एक वर्ष पूरे होने वाले हैं लेकिन सूबेदार मेजर की दिव्यांगता पेंशन जारी नहीं हो सकी। सूबेदार मेजर की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार पांडेय ने पीठ के सामने पक्ष रखा। अधिकरण ने पाया कि आदेश के अनुपालन का अवसर बार-बार दिए जाने के बावजूद भी उसका अनुपालन नहीं हुआ है। आदेश के अनुपालन में लापरवाही बरती गई।

    इस पर अधिकरण के न्यायिक सदस्य अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति अनिल कुमार और प्रशासनिक सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (अवकाशप्राप्त) की खंडपीठ ने रक्षा मंत्रालय को 20 हजार रुपये जुर्माने के साथ 17 नवंबर तक आदेश का पालन करके न्यायालय को अवगत कराने का निर्देश जारी किया।

    अधिकरण ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो रक्षा मंत्रालय के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध वेतन रोकने, दंडात्मक कार्रवाई और अवमानना नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जाएगी।

    साथ ही रक्षा मंत्रालय के सचिव को व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में हो। इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को नियत की गई है। अधिकरण ने आदेश की प्रति एएफटी लीगल सेल एवं रक्षा मंत्रालय को अनुपालन के लिए भेजने के भी निर्देश दिए हैं।