कफ सीरप मामले में 12 साजिशकर्ताओं की भूमिका आई सामने, CM योगी ने दोषियों के खिलाफ दिया कड़ी कार्रवाई का निर्देश
कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध सप्लाई के मामले में 12 साजिशकर्ताओं के नाम सामने आए हैं। इनमें कई की तलाश में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। मा ...और पढ़ें
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध सप्लाई के मामले में 12 साजिशकर्ताओं के नाम सामने आए हैं। इनमें कई की तलाश में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। मामले की जांच के लिए आईजी कानून-व्यवस्था एलआर कुमार की अध्यक्षता में गठित एसआइटी साजिशकर्ताओं के साथ ही उनके सहयोगियों की भूमिका की भी पड़ताल करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नशे का कारोबार करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई का निर्देश दिया है। कहा, कफ सीरप मामले में सभी दोषियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की जाए। नशामुक्त उत्तर प्रदेश के संकल्प से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस अवैध कारोबार में शामिल कोई भी आरोपी, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) की जांच में इस सिंडीकेट में शामिल 12 मुख्य साजिशकर्ताओं में विभोर राणा, सौरभ त्यागी, विशाल राणा, पप्पन यादव, शादाब, मनोहर जायसवाल, अभिषेक शर्मा, विशाल उपाध्याय, भोला प्रसाद, शुभम जायसवाल, आकाश पाठक व विनोद अग्रवाल के नाम शामिल हैं। मामले में अब तक दवा कारोबारियों व अन्य आरोपितों के विरुद्ध 128 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं।
सूत्रों का कहना है कि एसआइटी ने सभी एफआइआर का ब्योरा जुटाया है। एसआइटी गुरुवार को एफएसडीए के अधिकारियों के साथ बैठक कर अब तक की जांच में सामने आए सभी तथ्यों को जुटाएगी। पूरे मामले में मुख्य आरोपित शुभम अग्रवाल व उसके कुछ सहयोगी दुबई भाग निकले थे। उनके प्रत्यर्पण को लेकर भी कार्रवाई तेज की जाएगी।
ईडी ने मांगा कारोबारियों का ब्योरा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कफ सीरप मामले में संलिप्त रहे कारोबारियों का पूरा ब्योरा जुटा रहा है। इनके बैंक खातों की जानकारी भी जुटाई जा रही है। खातों में हुए लेनदेन व बड़े कारोबारियों की संपत्तियों की सिलसिलेवार जांच की जाएगी। आशंका है कि इस काले कारोबार में सीरप की सप्लाई में बड़ी रकम का लेनदेन नकद में हुआ है। सूत्राें का कहना है कि कई संदिग्ध लेनदेन की जानकारी भी सामने आई है, जिन्हें बोगस फर्मों के खातों के माध्यम से किया गया था।

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