Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी में नगर क्षेत्र के सहकारी बैंकों में अब हो सकेंगी मनचाही नियुक्तियां, जानें- भर्ती प्रक्रिया क्या हुआ बदलाव

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 22 Sep 2021 08:59 AM (IST)

    यूपी के नगर क्षेत्र के सहकारी बैंकों में मनचाही नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने पिछले साल भर्ती के नियमों में बदलाव करके आइबीपीएस व टीसी ...और पढ़ें

    Hero Image
    नगर क्षेत्र के सहकारी बैंकों में मनचाही नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है।

    लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। आखिरकार नगर क्षेत्र के सहकारी बैंकों में मनचाही नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल ही भर्ती के नियमों में बदलाव करके आइबीपीएस (इंडियन बैंकिंग पर्सनल सेलेक्श्न बोर्ड) व टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) को इसका जिम्मा सौंपा था। इनमें यूपी में संचालित सभी प्रकार के बैंक शामिल थे। संशोधित आदेश में अब नगर क्षेत्र के सहकारी बैंकों को बाहर कर दिया गया है, बाकी बैंकों में बदले नियम के तहत ही भर्तियां होंगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    असल में, योगी सरकार ने वर्ष 2012 से लेकर 2017 तक की सहकारिता विभाग में हुई नियुक्तियों को सही नहीं माना। कई घोटाले भी सामने आए। इनकी जांच के लिए एसआइटी गठित की गई थी। सरकार ने उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम में बदलाव भी किया था। बदलाव के संबंध में तत्कालीन प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएस रामीरेड्डी ने 24 अप्रैल 2020 को शासनादेश जारी किया था। उसमें निर्देश था कि सहकारी संस्थागत सेवा मंडल सीधी भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, जिला सहकारी बैंकों, सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों और नगरीय सहकारी बैंकों से अधियाचन प्राप्त करेगा।

    अधियाचन लेने के बाद वह मुंबई की संस्था आइबीपीएस को भेजेगा। भर्ती की समस्त प्रक्रिया ये संस्था ही पूरी करेगी, इसमें सेवा मंडल की भूमिका सिर्फ मध्यस्थ की रहेगी। सहकारिता की अन्य संस्थाओं भंडारण निगम व पीसीएफ आदि की भर्ती के लिए भी सेवा मंडल ही अधियाचन लेकर टीसीएस को भेजगा, सीधी भर्ती की समस्त प्रक्रिया टाटा कंसल्टेंसी या सरकार की ओर से चयनित अन्य संस्था पूरी करेगी।

    उत्तर प्रदेश के नगर क्षेत्र में 58 सहकारी बैंक संचालित हैं। भर्ती के बदले नियम से बैंक संचालक असहज थे और लगातार नियम बदलने का दबाव बना रहे थे, क्योंकि मनचाही नियुक्तियां नहीं हो पा रही थी। महज 15 महीने बाद ही प्रमुख सचिव सहकारिता बीएल मीणा ने अधिनियम में फिर संशोधन किया है। संशोधित शासनादेश में कहा गया है कि सेवा मंडल अधियाचन लेकर आइबीपीएस को भेजेगा। यह संस्था उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक, जिला सहकारी बैंकों व उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक आदि की संपूर्ण चयन प्रक्रिया पूरी करेगा। इसमें नगरीय क्षेत्र के बैंकों का जिक्र ही नहीं है।