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    CM Yogi पर बनी फिल्म 'अजेय' को प्रमाण पत्र देने से इनकार करने पर बॉम्बे हाई कोर्ट की CBFC को फटकार, दिए ये निर्देश

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 03:10 PM (IST)

    सेंसर बोर्ड ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर बनी फिल्म अजय - द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया। निर्देशक बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे और बोर्ड पर बिना फिल्म देखे इनकार करने का आरोप लगाया। कोर्ट ने सीबीएफसी के फैसले पर नाराजगी जताई और पूछा कि फिल्म में क्या आपत्तिजनक है। कोर्ट ने कहा कि सीबीएफसी संवैधानिक रूप से स्वायत्त संस्था है।

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    CM योगी की फिल्म को प्रमाण पत्र नहीं देने पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीएफसी को लगाई फटकार।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेंसर बोर्ड (CBFC - सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म 'अजय - द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' को सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है।

    फिल्म के निर्देशक बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे और बोर्ड पर बिना फिल्म देखे ही सर्टिफिकेट देने से इनकार करने का आरोप लगाया है। इस पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है।

    न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने गुरुवार को सीबीएफसी के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की।

    बता दें क फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने कोर्ट को बताया कि सीबीएफसी के कुछ अधिकारियों ने फिल्म देखने से पहले ही शर्तें लगानी शुरू कर दीं।

    कोर्ट ने पूछा कि बिना फिल्म देखे सर्टिफिकेट देने से इनकार करने का फैसला कैसे लिया गया। कोर्ट ने कहा कि सबसे पहले कोर्ट को बताया जाए कि फिल्म में वास्तव में क्या आपत्तिजनक है?

    सीबीएफसी के अध्यक्ष और सीईओ ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि, "यदि फिल्म के निर्देशक प्रमाण पत्र चाहते हैं, तो योगी आदित्यनाथ से 'अनापत्ति प्रमाणपत्र' (एनओसी) प्राप्त करें। उसके बाद हम इस बारे में सोचेंगे।"

    निर्माताओं ने कोर्ट में कहा कि उन्हें यह भी बताया गया था कि वे इसके लिए सीएम योगी से मिलेंगे और उनकी अनुमति लेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें थोड़ा समय चाहिए।

    कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सीबीएफसी एक संवैधानिक रूप से स्वायत्त संस्था है। यह किसी भी व्यक्ति की मंजूरी पर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए बाध्य नहीं है, चाहे वह मुख्यमंत्री हो या अन्य कोई हो।

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    कोर्ट ने कहा कि चूंकि फिल्म एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर आधारित है, सिर्फ इसलिए सर्टिफिकेशन के लिए शर्त लगाना गलत है। कोर्ट ने बोर्ड से सवाल किया कि इस स्थिति में 'नो हार्म' सर्टिफिकेट पर इतना जोर क्यों लगाया जा रहा?