Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोहू मछली के सेवन से स्तन कैंसर का खतरा कम, Lucknow University के जूलॉजी विभाग का चौंंकाने वाला शोध

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 05 Mar 2021 12:04 AM (IST)

    00 ग्राम रोहू मछली में एक ग्राम पोली अन्सेच्युरेटेड फैटी एसिड (पूफा) मिलता है जो कि एंटी कैंसर है। यह बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा 18 से 20 फीसद प्रोटीन भी मिलता है। वैज्ञानिकों की मानें तो रोहू मछली में यह फैटी एसिड मिलता है।

    Hero Image
    रोहू मछली के वसा में पाया जाने वाला पोली अन्सेच्युरेटेड फैटी एसिडकैंसर से बचाता है।

    लखनऊ, [अखिल सक्सेना]। अगर कोई महिला रोहू मछली का महीने में चार से पांच बार सेवन करती है तो स्तन कैंसर होने की आशंका कम होगी। लखनऊ विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग की ओर से तीन साल तक किए गए शोध में यह सामने आया है। जल्द ही यह शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित होगा। उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से दो नवंबर, 2018 को जूलॉजी विभाग के शिक्षक प्रो. एम सेराजुद्दीन को प्रोजेक्ट मिला था। 'स्टडी आफ पूफा इन फ्रेश वाटर फिश एंड देयर एक्टिविटी आन कैंसर सेल लाइन्स' विषय पर आधारित इस प्रोजेक्ट में तीन साल तक शोध कार्य किया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय के फिश बायोलाजी लैब में इस पर काम किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कैंसर सेल्स की वृद्धि रुकी :  प्रो. एम सेराजुद्दीन के मुताबिक रोहू मछली (वैज्ञानिक नाम लेबियो रोहिता) के वसा में पाया जाने वाला पोली अन्सेच्युरेटेड फैटी एसिड (पूफा) कैंसर से बचाता है। यह जानने के लिए स्तन कैंसर के सेल को नेशनल सेंटर फार सेल साइंस (एनसीएस) पुणे से मंगवाया गया। उसका कल्चर किया गया। उसके बाद मछली की मांसपेशियों से पहले वसा और फिर पूफा निकाला गया। इस पूफा को कैंसर सेल के साथ मिलाकर देखा तो पता चला कि इससे कैंसर सेल्स का बढऩा रुक गया।

    100 ग्राम रोहू मछली में एक ग्राम पूफा :  100 ग्राम रोहू मछली में एक ग्राम पोली अन्सेच्युरेटेड फैटी एसिड (पूफा) मिलता है जो कि एंटी कैंसर है। यह बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा 18 से 20 फीसद प्रोटीन भी मिलता है। वैज्ञानिकों की मानें तो रोहू मछली में यह फैटी एसिड मिलता है। प्रो. एम सेराजुद्दीन ने बताया कि मानव शरीर में पूफा बनाने की क्षमता नहीं है। इसलिए इसकी पूर्ति बाहर से लेनी होती है। उसके लिए मछली सबसे बढिय़ा है।