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    अयोध्या, शाहजहांपुर और मथुरा-वृंदावन में अब होंगे सड़कों के काम; शासन ने नई मद शुरू की

    By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 14 Jun 2025 02:23 PM (IST)

    Road Construction and Repair on Top Priority नगर निगमों में वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि और उनके खुद के स्रोतों से अर्जित आय की धनराशि से केवल कर्मचारियों के वेतन व अन्य आवश्यक कार्य ही हो पा रहे हैं। अपने क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का विकास करने के लिए इनके पास पर्याप्त धन ही उपलब्ध नहीं हैं।

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    अयोध्या, शाहजहांपुर और मथुरा-वृंदावन में अब होंगे सड़कों के काम

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : धन की उपलब्धता की कमी से जूझ रहे नवसृजित नगर निगमों को शासन ने बड़ी राहत दी है। नवसृजित अयोध्या, शाहजहांपुर और मथुरा-वृंदावन नगर निगमों में सड़क संबंधी कार्याें के लिए राज्य सेक्टर के तहत नई मद 'नवसृजित होने वाले नगर निगमों में सड़कों के पुनरूद्धार-नवीनीकरण-विस्तारीकरण योजना' शुरू की है। इससे नगर निगम सड़कों के निर्माण से लेकर विस्तारीकरण तक के काम करा सकेंगे।

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    प्रदेश में वर्ष 2017 के बाद अयोध्या नगर निगम, शाहजहांपुर निगम और मथुरा-वृन्दावन नगर निगम का सृजन किया गया है। इन नगर निगमों में वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि और उनके खुद के स्रोतों से अर्जित आय की धनराशि से केवल कर्मचारियों के वेतन व अन्य आवश्यक कार्य ही हो पा रहे हैं।

    अपने क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का विकास करने के लिए इनके पास पर्याप्त धन ही उपलब्ध नहीं हैं। ये निगम अपने क्षेत्र की सड़कों तक का विकास नहीं करा पा रहे हैं। इस समस्या के निदान के लिए शासन ने नई मद शुरू की है।

    इस मद में ये नगर निगम अपने क्षेत्रों में सड़क का निर्माण, मरम्मत व विस्तारीकरण, सीसी रोड का निर्माण, मरम्मत व विस्तारीकरण, इंटरलाकिंग रोड का निर्माण व विस्तारीकरण के काम करा सकेंगे। सड़क निर्माण के साथ आवश्यकतानुसार नाली-नाले के निर्माण से संबंधित कार्य भी इस मद में शामिल किए गए हैं।

    इनमें उन सड़कों को प्राथमिकता पर लिया जाएगा, जहां व्यापारिक गतिविधियां सर्वाधिक होती हों, जो बाजार एवं औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ती हों और जिनकी स्थिति अधिक खराब है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में सड़कों की अधिक आवश्यकता हो या जिनकी उपेक्षा हो रही है, उन्हें भी प्राथमिकता दी जाएगी।

    योजना के तहत पांच करोड़ रुपये तक के कार्याें की डीपीआर का परीक्षण मुख्य अभियंता नगरीय निकाय निदेशालय द्वारा, पांच करोड़ रुपये से 25 करोड़ रुपये तक के कार्यों की डीपीआर का परीक्षण प्रायोजना रचना एवं मूल्यांकन प्रभाग द्वारा और 25 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले कार्याे की डीपीआर का परीक्षण प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में गठित व्यय वित्त समिति द्वारा किया जाएगा। स्वीकृत परियोजनाओं के कार्यों की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी मानीटरिंग कराई जाएगी।