Conspiracy of Pakistan : नेपाल से घुसपैठ कराकर आंतरिक सुरक्षा पर हमले की थी साजिश, प्रदेश में सतर्कता बढ़ी
Conspiracy of Pakistan फारुकी आइएस के अलीगढ़ माड्यूल के सक्रिय सदस्यों के साथ वाट्सएप ग्रुप पर जुड़ा था। एटीएस ने नवंबर 2023 में अलीगढ़ से आइएस के सक्रिय सदस्य अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक को गिरफ्तार किया था। बड़ी आतंकी घटना की साजिश रची गई थी। टेरर फंडिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई थीं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़े तनाव के बीच में प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा पर भी हमले की तैयारी का इनपुट मिला है। नेपाल सीमा से भी देश में घुसपैठ कराकर किसी बड़ी आतंकी घटना की साजिश रची गई थी।
खुफिया एजेंसियों को इसके पुख्ता इनपुट मिले थे कि आइएसआइ देश की आंतरिक सुरक्षा बिगाड़ने के लिए उत्तर प्रदेश से सटी नेपाल सीमा का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए कर रहा है। यही वजह है कि नेपाल सीमा से सटे जिलों में हर आने-जाने वाले की गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रदेश में आतंकी संगठनों व आइएसआइ का गहरा नेटवर्क रहा है।
अतीत में नेपाल की सीमा के रास्ते प्रदेश में घुसपैठ कराना आसान भी रहा है। आइएसआइ इस सीमा को मादक पदार्थों व जाली नोट की तस्करी से लेकर टेरर फंडिंग के लिए भी प्रयोग करता रहा है। फिलहाल नेपाल सीमा के सभी चेक पोस्ट पर पूरी मुस्तैदी बरते जाने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इसे लेकर अधिकारी कुछ बोलने से कतरा रहे हैं।
नेपाल सीमा से सटे जिलों में बड़े पैमाने पर फंडिंग की जाती रही है। वर्ष 2019 में नेपाल के जरिये टेरर फंडिंग की रकम उत्तर प्रदेश में सप्लाई करने वाला बड़ा गिरोह पकड़ा गया था। नाइजीरिया के निवासी चिनवेउबा एमेका माइकल, पीटर हरमन अस्सेंगा व अर्जुन अशोक खराडे को मुंबई में गिरफ्तार किया गया और तीनों से पूछताछ में टेरर फंडिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई थीं।
इससे पहले गुवाहटी में पकड़े गए आइएस के भारत प्रमुख हरीश फारुकी उर्फ हरीश अजमल फारुकी के इशारे पर ही आतंकी संगठन का अलीगढ़ माड्यूल तैयार किए जाने की जानकारी भी सामने आई थी। फारुकी आइएस के अलीगढ़ माड्यूल के सक्रिय सदस्यों के साथ वाट्सएप ग्रुप पर जुड़ा था। एटीएस ने नवंबर 2023 में अलीगढ़ से आइएस के सक्रिय सदस्य अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद उनके कई और सक्रिय साथी पकड़े गए थे, जिनका नेटवर्क महाराष्ट्र, झारखंड व अन्य राज्यों में भी फैला था। झारखंड से गिरोह का सक्रिय सदस्य वजीहुद्दीन पकड़ा गया था, जिससे पूछताछ में सामने आया था कि वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र संगठन से जुड़े युवकों के सीधे संपर्क में था और आइएस की विचाराधारा का प्रचार-प्रसार कर रहा था। देवबंद (सहारनपुर) भी घुसपैठियों का मुफीद ठिकाना रहा है।
बांग्लादेशी व रोहिंग्या की नेपाल के रास्ते घुसपैठ कराए जाने से लेकर देवबंद में उन्हें शरण दिलाने से लेकर फर्जी दस्तावेज बनवाने तक के तथ्य सामने आ चुके हैं। जांच एजेंसियों को पूर्व में पकड़े गए ऐसे कई आरोपितों के नेटवर्क को नए सिरे से खंगालने में जुटाया गया है जो भारत-पाकिस्तान के बीच वर्तमान तनाव की स्थितियों का लाभ उठाकर आतंकी साजिश में जुटे थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।