ISI से कनेक्शन? ATS के सवालों पर खालिस्तानी आतंकी लजर मसीह क्यों रह गया चुप?
महाकुंभ में हमले की साजिश के मामले में गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकी लजर मसीह ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से किसी भी तरह के संपर्क से इनकार किया है। एटीएस अधिकारियों के सामने पूछताछ के दौरान मसीह ने ज्यादातर सवालों पर चुप्पी साध ली। हालांकि उसके मोबाइल फोन से मिले डेटा के आधार पर उससे पूछताछ की जा रही है ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। महाकुंंभ में हमले की साजिश के मामले में गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकी लजर मसीह आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के अधिकारियों के सामने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से संपर्क काे नकारता रहा। अधिकतर सवालों पर चुप्पी साधे रहा।
मसीह ने आइएसआइ एजेंटों से कोई संपर्क होने का दावा किया। इस पर जांच एजेंसी ने उसके मोबाइल फोन से बरामद डाटा के आधार पर उससे सवाल-जवाब किए। खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) से उसके रिश्तों को लेकर भी लंबी पूछताछ की गई।
नए सिरे से पूछताछ शुरू
एटीएस ने बुधवार सुबह लजर मसीह को सात दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ शुरू की है। केंद्रीय जांच एजेंसियों व पंजाब पुलिस से भी इसकी जानकारी साझा की गई है। एटीएस लजर से उसके स्थानीय मददगारों के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।
यह भी देखा जा रहा है कि वह प्रयागराज जाने के दौरान लखनऊ व कानपुर में किन-किन स्थानों पर ठहरा था और किन लोगों से उसका संपर्क हुआ था। लजर से पूछताछ के आधार पर एटीएस प्रदेश में बढ़ रहे खालिस्तानी आतंकी संगठनों के नेटवर्क को भी खंगालने का प्रयास करेगा।
महाकुंभ में हमले की साजिश की तह तक पहुंचने के लिए लजर से बीकेआइ के जर्मन बेस्ड माड्यूल के मुखिया स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी व उससे जुड़े अन्य आतंकियों के बारे में भी पूछताछ कर रहा है। लजर को एसटीएफ ने कौशाम्बी से गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से हैंडग्रेनेड, जेलिटन राड, डेटोनेटर व विदेशी पिस्टल भी बरामद हुई थी। वर्तमान में उसके विरुद्ध दर्ज मुकदमे की विवेचना एटीएस कर रहा है।
ईडी ने बैंक ठगी के मामले में कृष्णा कंटेनर्स की 27.91 लाख की संपत्ति जब्त
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक से करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में कानपुर की कृष्णा कंटेनर्स कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की है। ईडी ने कंपनी के साझेदार दिनेश अरोड़ा का कानपुर के सिंहपुर कछार स्थित 227 वर्ग गज का भूखंड जब्त किया है, जिसकी कीमत 27.91 लाख रुपये बताई गई है।
ईडी ने मामले में सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा कृष्णा कंटेनर्स के संचालकों के विरुद्ध दर्ज की गई एफआइआर को आधार बनाकर अपनी जांच शुरू की थी। आरोप था कि लेटर आफ क्रेडिट (एलसी) का दुरुपयोग कर बैंक आफ बड़ौदा को 32.35 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था।
ईडी की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों व काल्पनिक लेनदेन के आधार पर जीपी ओवरसीज, एमआर ट्रेडर्स, दिनेश सोप्स एंड डिटर्जेंट व अन्य सहयोगी कंपनियों के पक्ष में 26 लेटर आफ क्रेडिट हासिल किए थे। इनसे हुई आय को विभिन्न कंपनियाें के खातों के माध्यम से डायवर्ट किया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि एक मामले में एलसी (1.03 करोड़ रुपये) से प्राप्त आय एमआर ट्रेडर्स से दिनेश सोप्स एंड डिटर्जेंट को ट्रांसफर की गई और पूरी धनराशि उसी दिन नकद में निकाल ली गई। आरोपित इन फर्मों को उपयोग धन की हेराफेरी के लिए कर रहे थे। मामले में कृष्णा कंटेनर्स के साझेदार दिनेश अरोड़ों, कृष्णा अरोड़ा व अन्य के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।
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