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यूपी में कांग्रेस को बड़ा झटका! I.N.D.I. गठबंधन में मिलेंगी एक दर्जन सीटें; दावेदारी पर एक बार फिर होगा मंथन

Lok Sabha Election 2024 कांग्रेस के लिए आने वाले लोकसभा चुनाव विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में सीटों की भागीदारी को लेकर लगातार संस्पेंस बना हुआ है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में एक दर्जन सीटों तक भी सिमट सकती है। इस बार गठबंधन में भागीदारी को लेकर दिल्ली में गुरुवार को केंद्रीय नेतृत्व सभी प्रदेशों के प्रभारी व अध्यक्षों के साथ विशेष बैठक करेगा।

By Swati Singh Edited By: Swati Singh Updated: Thu, 04 Jan 2024 08:49 AM (IST)
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यूपी में कांग्रेस को बड़ा झटका! I.N.D.I. गठबंधन में मिलेंगी एक दर्जन सीटें
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस के लिए आने वाले लोकसभा चुनाव विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में सीटों की भागीदारी उत्तर प्रदेश में एक दर्जन सीटों तक भी सिमट सकती है। कांग्रेस नेता भले ही अब तक विपक्षी गठबंधन में उसके हिस्से सम्मानजनक सीटें आने की बात कहते रहे हों, पर नए समीकरण उनकी उम्मीदों को झटका देने वाले हो सकते हैं।

कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में उसके प्रदर्शन के अनुरूप ही सीटें मिलने की उम्मीद है। हालांकि कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि उनके हिस्से डेढ़ दर्जन सीटें जरूर आएंगी। दिल्ली में गुरुवार को केंद्रीय नेतृत्व सभी प्रदेशों के प्रभारी व अध्यक्षों के साथ विशेष बैठक करेगा।

यूपी जोड़ो यात्रा छोड़ दिल्ली पहुंचे अजय राय

प्रदेश अध्यक्ष अजय राय यूपी जोड़ो यात्रा छोड़कर बुधवार को दिल्ली रवाना हो गए। गुरुवार को वह बैठक में शामिल होने के बाद फिर यूपी जोड़ो यात्रा में शामिल हो जाएंगे। पार्टी सूत्रों का कहना कि बैठक में राहुल गांधी की 14 जनवरी से प्रस्तावित भारत न्याय यात्रा की तैयारियों के साथ ही विपक्षी गठबंधन में अलग-अलग राज्यों में सीटों की दावेदारी को लेकर मंथन होगा।

खोये जनाधार को बढ़ाना है चुनौती

कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में अपने खोए जनाधार को बढ़ाना ही सबसे बड़ी चुनौती रहा है। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो रायबरेली की सीट से केवल सोनिया गांधी ही जीत दर्ज कर सकी थीं। कांग्रेस अपने गढ़ अमेठी तक में चुनाव हार गई थी। यहां राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था।

कांग्रेस का था बुरा हाल

2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस केवल तीन सीटों फतेहपुर सीकरी, अमेठी व कानपुर में ही दूसरे पायदान पर रही थी। 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो रायबरेली में सोनिया गांधी व अमेठी में राहुल गांधी ही जीत सके थे। कांग्रेस तब छह सीटों सहारनपुर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी व कुशीनगर में दूसरे स्थान पर रही थी।

ऐसा रहा था दो लोकसभा चुनावों का परिणाम

दोनों पिछले लोकसभा चुनावों में कानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल दूसरे नंबर पर रहे थे। सहारनपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद 2019 लोकसभा चुनाव में दूसरे तथा 2014 लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे। ऐसे में बसपा छोड़कर कांग्रेस में वापस आए इमरान मसूद पर पार्टी फिर दांव लगाना चाहेगी। इसके अलावा कांग्रेस वाराणसी व लखीमपुर खीरी की सीट भी अपने पास रखने का प्रयास करेगी। 2014 व 2019 दोनों लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय तीसरे स्थान पर रहे थे। लखीमपुर खीरी सीट से बीते दिनों सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए रवि वर्मा अथवा बेटी डा.पूर्वी वर्मा को चुनाव मैदान में उतारने के लिए कांग्रेस इस सीट पर अपना दावा कर सकती है।

गठबंधन में राहुल का लचीला रुप

राहुल गांधी भाजपा को हराने के लिए विपक्षी गठबंधन के प्रति अपना लचीला रुख पहले ही जाहिर कर चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस उप्र में उन सीटों पर ही दांव लगाएगी, जहां गठबंधन में शामिल दलों के सहयोग से जीत सुनिश्चित की जा सके। प्रदेश अध्यक्ष राय का कहना है कि उप्र में कांग्रेस की दावेदारी कितनी सीटों पर होगी, इसका निर्णय जल्द हो जाएगा। सीटों में भागीदारी केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा।

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