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    UP Congress: पिछड़ों-वंचितों के सहारे खुद आगे बढ़ने के प्रयास में उत्तर प्रदेश कांग्रेस

    By Alok Mishra Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 17 Oct 2025 07:04 PM (IST)

    Congress in Uttar Pradesh: कांग्रेस संगठन सृजन में भी अपने इसी फार्मूले को अपना रही है। सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर बढ़ रही कांग्रेस संगठन में पिछड़ों, वंचितों, अल्पसंख्यक व महिला को न्यूनतम 60 प्रतिशत भागीदारी दे रही है। 

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    लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय

    आलोक मिश्र, जागरण, लखनऊ : कांग्रेस अब पिछड़ों व वंचितों के सहारे उत्तर प्रदेश में अपनी खोयी साख पाने के प्रयास में है। पार्टी ने पिछड़ा वर्ग विभाग की प्रदेश कार्यकारिणी में अतिपिछ़ड़ों को 65 प्रतिशत भागीदारी देकर इसका संकेत भी दिया है।

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    कांग्रेस पसमांदा मुस्लिमों को जोड़कर एक खास वर्ग का रुझान भी हासिल करना चाह रही है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस को लग रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम वोटबैंक उसके पाले में रहेगा।

    कांग्रेस संगठन सृजन में भी अपने इसी फार्मूले को अपना रही है। सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर बढ़ रही कांग्रेस संगठन में पिछड़ों, वंचितों, अल्पसंख्यक व महिला को न्यूनतम 60 प्रतिशत भागीदारी दे रही है। जबकि जिलों के जातीय समीकरणों को देखते इस हिस्सेदारी को बढ़ाने का भी निर्देश है।

    जिला से लेकर शहर व बूथ स्तर तक की कमेटियों में पिछड़ों-वंचितों की भागीदारी बढ़ाकर पार्टी अपने परंपरागत वोटबैंक को वापस हासिल करने के प्रयास में है। इसी मकसद को लेकर कांग्रेस बीते कुछ माह से पिछड़ों-वंचितों के साथ खड़े होने का संदेश देने को कोई मौका नहीं छोड़ रही है।

    प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत अन्य नेता खास वर्ग के लोगों के साथ होने वाली घटना के बाद उसके घर पहुंच रहे हैं। पीड़ित परिवारों की आर्थिक मदद भी की जा रही है। इन घटनाओं को लेकर कांग्रेस राज्य सरकार को भी लगातार घेर रही है।

    सरकार पर सवाल उठाकर कांग्रेस अपने पक्ष में माहौल बनाने को कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती। रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की पीटकर हत्या के मामले में विपक्षी दलों में कांग्रेस नेता सबसे पहले उसके स्वजन से मिलने पहुंचे थे।

    लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शुक्रवार को फतेहपुर पहुंचकर हरिओम वाल्मीकि के स्वजन से भेंट की। प्रदेश अध्यक्ष जून माह में सीतापुर में पुलिस प्रताड़ना के शिकार सेवानिवृत्त फौजी विमल कश्यप के आवास व जुलाई में रायबरेली में सुखदेव लोधी की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे।

    ऐसी ही अन्य घटनाओं में मुरादाबाद में किसान चेतन सैनी व बुलंदशहर में अजय शर्मा की आत्महत्या के मामलों व जौनपुर में तिहरे हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। जिला व शहर इकाइ के नेताओं को इसके जरिए सक्रियता बढ़ाने का संदेश भी दिया जा रहा है।