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    कांग्रेस पिछड़ा विभाग की प्रदेश कार्यकारिणी में 65 प्रतिशत अतिपिछड़े, 31 उपाध्यक्षों में दो पसमांदा मुस्लिम भी शामिल

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    बिहार कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग ने नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया है। इसमें 65% सदस्य अति पिछड़ा वर्ग से हैं, जो सामाजिक न्याय को दर्शाता है। 31 उपाध्यक्षों में दो पसमांदा मुस्लिम भी शामिल हैं। इस पुनर्गठन का उद्देश्य पार्टी में सामाजिक समीकरणों को संतुलित करना और सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देना है, जिससे कांग्रेस जमीनी स्तर पर मजबूत हो सके।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी गई है। पार्टी ने अपने सामाजिक न्याय के एजेंडे के तहत पिछड़ा वर्ग विभाग की प्रदेश कार्यकारिणी में 65 प्रतिशत अतिपिछड़ों को हिस्सेदारी दी है। कांग्रेस की नजर प्रदेश में अतिपिछड़ों में अपनी पैठ बढ़ाने पर है। कार्यकारिणी में 31 उपाध्यक्ष शामिल हैं, जिनमें दो पसमांदा मुस्लिम हैं।

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    पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव के अनुसार, कार्यकारिणी में कुल 15 पसमांदा मुस्लिमों को पदाधिकारी बनाया गया है। कार्यकारिणी में कुल 197 पदाधिकारी हैं, जिनमें 71 महासचिव व 95 सचिव भी शामिल हैं।

    कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग ने ब्लाक व जिला स्तर पर भागीदारी न्याय चौपाल व संविधान सुरक्षा चौपाल समेत अन्य आयोजनों के पिछड़ों के मुद्दे उठाने की घोषणा की है।

    पार्टी जिला स्तर पर सामाजिक न्याय सम्मेलन व भागीदारी न्याय सम्मेलन का आयोजन भी करेगी। प्रदेश स्तर पर रैलियों के माध्यम से भाजपा को घेरने की भी तैयारी है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी हैं।

    स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने लगाई उत्पादों की प्रदर्शनी

    मिशन शक्ति 5.0 के तहत नगरीय निकाय निदेशालय परिसर में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई। इन्हें महिलाओं ने स्वयं बनाया है। प्रदर्शनी शुक्रवार को भी लगेगी। इसमें कोई भी जाकर अपने पसंद के हस्तशिल्प, घरेलू खाद्य पदार्थ, जूट बैग, सजावटी सामान खरीद सकता है।

    नगर विकास विभाग की अपर निदेशक ऋतु सुहास ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं आत्मनिर्भर भारत की सशक्त प्रतीक हैं। इनके प्रयास न केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देते हैं बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान भी देते हैं।

    मिशन शक्ति का उद्देश्य हर महिला को आत्मविश्वासी, सक्षम और स्वावलंबी बनाना है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से महिला सशक्तीकरण के साथ ही वोकल फार लोकल को भी बढ़ावा दिया गया।