यूपी में लोगों को जो बिल मिल रहा, उसके पीछे प्रिंट है कुछ... अब कनेक्शन काटने का नोटिस दे रहीं बिजली कंपनियां
बिजली कंपनियां विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 का उल्लंघन कर रही हैं। वे उपभोक्ताओं को बिल जमा करने में देरी पर 7 दिन का नोटिस दे रही हैं जबकि नियम के अनुसार यह नोटिस 15 दिन का होना चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत अधिनियम के प्रावधान का पालन करने की मांग की है ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिल जमा करने में होने वाली देरी पर बिजली कंपनियां देय तिथि से सात दिन के भीतर कनेक्शन काटने की नोटिस उपभोक्ताओं को जारी कर रही हैं, जो कि नियम के अनुसार 15 की नोटिस होना चाहिए। बिजली कंपनियां विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 का खुला उल्लंघन कर रही हैं। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधान का पालन करने की मांग की है।
परिषद का कहना है कि विद्युत अधिनियम 2003 की इस धारा के तहत बिल बकाया होने पर किसी भी विद्युत उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन काटने का अधिकार तभी होगा जब देय तिथि के 15 दिन तक भुगतान नहीं होगा। देय तिथि के 15 दिन की अनिवार्य रूप से नोटिस दिया जाना जरूरी है।
विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 का उल्लंघन
प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को जो बिजली का बिल देती है, उसी को बिल कम नोटिस मानती हैं। ऐसे में सात दिन की जगह उसे 15 दिन की मोहलत कानून के तहत मिलना चाहिए। प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को जो बिल दे रही हैं, उसके पीछे प्रिंट कर दिया है की देय तिथि को भुगतान न करने पर सात दिन बाद संयोजन विच्छेदन कर दिया जाएगा। जो पूर्णतया विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 का खुला उल्लंघन है।
परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पावर कारपोरेशन व प्रदेश की बिजली कंपनियां कई वर्षों से इस असंवैधानिक परिपाटी को आगे बढ़ा रही हैं, उसपर तत्काल रोक लगाना चाहिए। परिषद इसे लेकर विद्युत नियामक आयोग से भी बात करेगा।
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