Teacher's Day: लखनऊ की रीना गुप्ता की सराहनीय पहल, कहानी के जरिये संवार रहीं बच्चों का भविष्य
लखनऊ के बख्शी का तालाब के दरियापुर प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रीना गुप्ता ने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए शानदार पहल की है। रीना गुप्ता बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ सदाचार के ज्ञान से भी अवगत करा रही हैं।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। समय के साथ सबकुछ बदल गया, लेकिन कुछ लोग अभी भी इस पुरानी परंपरा का जीवंत करने में लगे हैं। दादा-दादी और नाना-नानी के साथ बैठकर बच्चे पहले कहानी सुनते थे। ज्ञानवर्धक कहानियां बच्चों को न केवन एक अच्छा नागरिक बनाते थे, बल्कि उनके अंदर किताबी ज्ञान के साथ सदाचार और सामाजिक सरोकारों का ज्ञान भी हो जाता है। इसी पुरानी परंपरा को बच्चों पर प्रयोग किया। बख्शी का तालाब के दरियापुर प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रीना गुप्ता ने। बच्चाें को खेल-खेल में ज्ञान देने के साथ कहानी के माध्यम से सदाचार का ज्ञान भी देती है।
बच्चों का बढ़ाती हैं उत्साहः खेल व कहानी के साथ ही नाटकोंं के माध्यम से बच्चाें के अंदर ज्ञान का संचार करने वाली रीना गुप्ता ने बताया कि बच्चे कभी अनुपस्थित नहीं होते। उनके अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए सबकुछ करती हूं। कोई कहानी सुनाता है तो कोई एक्टिंग करता है। खेल में कोई सबसे आगे रहता है। किताबी ज्ञान के साथ ही उन्हें अच्छा नागरिक बनाना भी शिक्षक की जिम्मेदारी होती है।
दो बार मिला राज्य स्तरीय पुरस्कारः रीना गुप्ता को उत्कृष्ट कहानियों को सुनाने के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया गया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एससीआरटी) की ओर से हर साल जिला व प्रदेश स्तर पर प्रतियोगिताएं होती हैं। इसके पीछे मंशा होती है कि शिक्षक के अंदर ज्ञान को कहानी के माध्यम से बच्चोें के अंदर ज्ञान का संचार करें।
मिट्टी के समान नौनिहालाे को ज्ञान का आकार देकर उत्कृष्ट इंसान बनाने की मंशा को लेकर भी यह प्रतियोगिता खास है। खेल बने हमारी पहचान और स्वत्रंता संग्राम की प्रेरक घटनाएं शीर्षक से सुनाई कहानी को बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया। रीना को अब दीक्षा के माध्यम से पढ़ाई के नए तरीके बताने का कार्य दिया गया है।
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