LockDown 4 Lucknow News: मुंह का कैंसर हो गया भयावह, कमांडो सर्जरी से छह घंटे में मरीज को दी जिंदगी
LockDown 4 Lucknow News लोहिया संस्थान की आंकोसर्जरी विभाग की ओपीडी में आए मरीज का भर्ती कर किया ऑपरेशन। मुंह का कैंसर हो गया था भयावह पड़ गए कीड़े हे ...और पढ़ें

लखनऊ, जेएनएन। LockDown 4 Lucknow News: लॉकडाउन में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में रूटीन सर्जरी बंद हैं। वहीं लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर ने ओपीडी में आए मरीज को भर्ती कर कमांडो सर्जरी की । छह घंटे तक चले ऑपरेशन में जबड़े को काट कर कैंसर वाले हिस्से को निकाला। वहीं, शरीर के दूसरे हिस्से से टिश्यू, मसल्स लेकर मुंह की विकृति को भी ठीक किया।
गोंडा निवासी विकास वर्मा (40) को मुंह में कैंसर था। बाएं गाल में कैंसर भयावह हो गया। वह जबड़े तक पहुंच बनाने के बाद मुंह के बाहर आ गया। ऊपरी त्वचा फट गई और कीड़े पड़ गए। तीन माह पहले उसने लोहिया संस्थान के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग की ओपीडी में दिखाया। विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष सिंघल ने मरीज की जांच कराई। इसमें हेपेटाइटिस से भी पीड़ित निकला। वहीं कैंसर फैल जाने से तत्काल ऑपरेशन मुमकिन नहीं था। लिहाजा, भर्ती कर दो बार रेडियोथेरेपी थी। साथ ही हेपेटाइटिस की दवा शुरू की।
लॉकडाउन में फंसा इलाज, बुलाकर किया ऑपरेशन
कीमो व हेपेटाइटिस की दवा चलने से मरीज की हालत में सुधार आया। वहीं ऑपरेशन का समय आने पर लॉकडाउन हो गया। मरीज की फिर तकलीफ बढ़ गई। ऐसे में मरीज ने डॉक्टर से संपर्क साधा। सर्जिकल आंकोलॉजी की ओपीडी से पांच दिन उसे भर्ती किया गया। गुरुवार को ऑपरेशन किया । रात भर मरीज वें टिलेटर पर रहा। शुक्रवार को हालत सामान्य होने पर उसे वार्ड में शिफ्ट किया गया।
छाती से टिश्यू-मसल्स निकालकर चेहरे की भरपाई
डॉ. आशीष सिंघल के मुताबिक मरीज की कमांडो सर्जरी की गई। इसमें जबड़ा काटकर कैंसर वाला हिस्सा निकाला गया। इसके बाद छाती से टिश्यू, मसल्स निकालकर चेहरे में रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की गई। मरीज के चेहरे की विकृति दूर की गई।
पांच और विभागों की ओपीडी शुरू
संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी के मुताबिक पांच विभागों की और इमरजेंसी ओपीडी शुरू कर दी गई है। हॉस्पिटल ब्लॉक की ओपीडी में अब मेडिसिन , सर्जरी, आर्थो पेडिक , पीडिया व ईएनटी के भी डॉक्टर बैठने लगे हैं। वहीं डॉक्टरों से वेटिंग में मरीजों को बुलाकर सर्जरी करने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि मरीजों का इलाज प्रभावित न हो।

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