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    Kargil war Series: चीता हेलीकॉप्टर पर 'कर्नल जीपीएस कौशिक' और 'गुंजन सक्सेना' ने देश का दिल जीता

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 24 Jul 2020 10:14 AM (IST)

    Kargil war Series कारगिल युद्ध में लखनऊ के कर्नल जीपीएस कौशिक और गुंजन सक्सेना की बहादुरी ने दुश्मनों के किए थे दांत खट्टे।

    Kargil war Series: चीता हेलीकॉप्टर पर 'कर्नल जीपीएस कौशिक' और 'गुंजन सक्सेना' ने देश का दिल जीता

    लखनऊ [निशांत यादव]। फ्लाइंग ऑफिसर गुंजन सक्सेना और कर्नल जीपीएस कौशिक। शहर के वह दो नाम जिन्होंने चीता हेलीकॉप्टर से इतिहास रचा। तब चीता पर उड़कर इन दोनों ने अपनी बहादुरी से दुश्मनों के दांत खट्टे करके पूरे देश का दिल जीता था।

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    तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और रक्षामंत्री जार्ज फर्नांडीज  13 जून 1999 को कारगिल पहुंचे। उनको निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान की ओर से जमकर फायरिंग हुई। भारी गोलीबारी के बीच आर्मी एविएशन के कर्नल जीपीएस कौशिक ने चीता हेलीकॉप्टर से प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को रणभूमि के उस हिस्से तक पहुंचाया, जहां से युद्ध की पूरी प्लानिंग की गई। उनके साथ तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक भी थे। कर्नल कौशिक ने कारगिल युद्ध के दौरान कुल 3500 ऑपरेशनों को सफलता से अंजाम दिया। जवानों को ऊंची चोटियों तक चीता हेलीकॉप्टर से पहुंचाया। आयुध और रसद की आपूर्ति बहाल रखने में अहम भूमिका निभाई।

    उनकी आर्मी एविएशन यूनिट को इस जांबाजी के लिए 30 से ज्यादा वीरता पदक मिले। मई 1999 में आर्मी एविएशन की 33 रेकी एंड ऑब्जर्वेशन यूनिट कारगिल में तैनात थी। इसकी कमान कर्नल कौशिक के हाथ में थी। चीता हेलीकॉप्टर से कर्नल कौशिक ने  21 हजार फीट की ऊंचाई तक ऑपरेशन को अंजाम दिया। पाकिस्तान की ओर से याल्डोर नाले के पास हेलीकॉप्टर पर भारी फायरिंग हुई। भारतीय सेना ने जब पाकिस्तानी कब्जे से अपने बंकर मुक्त कराना शुरू किया तो वह अमेरिका के पास गया और कहा कि भारत हमारी सरजमीं पर कब्जा कर रहा है। इसकी जांच के लिए अमेरिका ने अपने सीनेटर डॉन बाउंसकी को भेजा। कर्नल कौशिक के हेलीकॉप्टर से उन्होंने कारगिल में करीब 100 किलोमीटर तक रेकी की। उन्होंने यह भी देखा कि पाकिस्तानी सेना सात ने भारतीय सीमा के भीतर दस किलोमीटर तक प्रवेश कर गई है। इसकी रिपोर्ट अमेरिका के सीनेट में सौंपी गई थी।

    पिता के नाम भी कीर्तिमान

    कर्नल कौशिक के पिता आरकेएस कौशिक ने द्वितीय विश्व युद्ध लड़ा था। वह वायुसेना में 1943 में शामिल हुए थे। स्वतंत्रता के बाद जब कश्मीर में  कबाइली हमले हुए तो भारतीय सेना के जवानों को लेकर श्रीनगर की एयर फील्ड पर 26 अक्टूबर 1947 को जो पहला नगोटा विमान उतरा था, उसमें आरकेएस कौशिक भी थे। उनकी जांबाजी के लिए वायुसेना ने उनको ऑनरी कमीशन प्रदान की। आरकेएस कौशिक ने 1965 और 1971 युद्ध में भी हिस्सा लिया था।

    भाई बहन ने संभाला मोर्चा

    कारगिल युद्ध में फ्लाइंग आफिसर गुंजन सक्सेना के साथ उनके भाई कर्नल अंशुमान ने भी मोर्चा संभाला था। गुंजन सक्सेना और अंशुमान दोनों ही एक साथ सन 1996 में कमीशंड हुए थे। अंशुमान जीओसी के एडीसी थे और कारगिल युद्ध के एक बड़े हिस्से में प्लानिंग कर रहे थे, जबकि गुंजन उधमपुर से ऑपरेशन कर रही थीं। कारगिल में लगातार 20 दिनों तक फ्लाइंग ऑफिसर गुंजन सक्सेना ने पाकिस्तानी गोलीबारी केबीच चीता हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी थी। गुंजन की बहादुरी ने कई जवानों की जान बचाई। अब गुंजन की बहादुरी पर जाह्नवी कपूर अभिनीत फिल्म 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' बनी है।

     

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