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    अब कोई भी फर्जी योजना नहीं चलेगी! यूपी में होगी हाईटेक निगरानी, क्या है योगी सरकार का मास्टरस्ट्रोक

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 03:11 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए एक नई पहल की है। अब योजनाओं के प्रस्तावों का परीक्षण प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री अनुश्रवण प्रणाली (सीएमआइएस) पोर्टल को गति शक्ति पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे योजनाओं के दोहराव को रोका जा सकेगा और सही परियोजनाओं का चयन हो सकेगा।

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    पीएम गति शक्ति पोर्टल की मदद से रोका जाएगा योजनाओं का दोहराव।

    हेमंत, लखनऊ। प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल की मदद से राज्य में विकास कार्यों के प्रस्ताव का बारीक परीक्षण करने की व्यवस्था की गई है। योजनाओं के प्रस्ताव की पड़ताल इस पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।

    पोर्टल बताएगा कि जिस लोकेशन पर सड़क, पुल, भवन आदि की योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं उस लोकेशन पर पहले से उससे संबंधित निर्माण या किसी अन्य विभाग की योजनाएं प्रस्तावित हैं अथवा नहीं। सारी स्थितियां स्पष्ट हो जाने पर ही प्रस्तावित योजना को स्वीकार किया जाएगा।

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    इसके लिए मुख्यमंत्री अनुश्रवण प्रणाली (सीएमआइएस) पोर्टल को प्रधानमंत्री गति शक्ति पोर्टल से लिंक किया गया है।

    इस व्यवस्था के तहत विचाराधीन प्रस्तावित परियोजनाओं का आगणन जिले मुख्यमंत्री अनुश्रवण प्रणाली (सीएमआइएस) पोर्टल के माध्यम से करेंगे। भवन निर्माण के प्रस्ताव को अक्षांश व देशांतर के साथ तथा सड़क से संबंधित परियोजनाओं के प्रस्ताव को सड़क की लंबाई के साथ लाइन खींचते हुए सीएमआइएस पोर्टल पर डालनी होगी। ऐसा करने से योजनाओं के दोहराव से बचा जा सकेगा।

    योजना विभाग ने इस व्यवस्था को त्वरित आर्थिक विकास योजना के साथ ही पूर्वांचल व बुंदेलखंड विकास निधि के प्रस्तावों को प्राप्त करने में लागू किया है। जल्द ही यह व्यवस्था लोक निर्माण विभाग तथा निर्माण से जुड़े अन्य विभागों की योजनाों में भी लागू करने की तैयारी की गई है।

    नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के मुताबिक पीएम गति शक्ति पोर्टल पर बहुत छोटी-छोटी सूचनाएं भी उपलब्ध हैं। इस पोर्टल पर योजनाओं के प्रस्ताव को चेक करने का लाभ यह होगा कि योजनाओं के चयन में पारदर्शिता आएगी।

    यदि किसी सड़क के लिए प्रस्ताव आया है और पहले से वहां पर कोई सड़क बनी है तो पोर्टल नये प्रस्ताव को स्वीकार ही नहीं करेगा। किसी अन्य योजना से यदि पहले से ही वहां सड़क प्रस्तावित है तो भी उसकी सूचना मिल जाएगी।

    विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव जिले के अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री अनुश्रवण प्रणाली (सीएमआइएस) पोर्टल पर लिए जाएंगे। इसके लिए जिलों के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस व्यवस्था के लागू होने पर प्रस्तावित योजनाओं का मौके पर सर्वे करने का समय बचेगा। सही काम का चयन हो सकेगा।