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    CM Yogi ने की एक घोषणा, जिसके बाद सभी अधिकारी लग गए काम पर; IAS अफसरों तक को मिल गई नई ड्यूटी

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को एक वर्ष में गरीबी मुक्त बनाने की घोषणा की है जिसके बाद अधिकारी उसके क्रियान्वयन में जुट गए है । मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रथम चरण के तहत एक सप्ताह में ही गणनाकार (एन्युमेरेटर) के चयन की प्रक्रिया पूरी की जाए ।

    By Alok Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 05 Oct 2024 06:36 PM (IST)
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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ - फाइल फोटो ।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश को एक वर्ष में "गरीबी मुक्त" बनाने की घोषणा के बाद अधिकारी उसके क्रियान्वयन में जुट गए है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रथम चरण के तहत एक सप्ताह में ही गणनाकार(एन्युमेरेटर) के चयन की प्रक्रिया पूरी की जाए।

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    खंड विकास अधिकारिओं द्वारा एन्युमेरेटर (ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी व कैडर) का सत्यापित प्रोफाइल जीरो पावर्टी पोर्टल (http://zero-poverty.in) पर पंजीकृत कराएं। पंचायत सहायक, रोजगार सेवक, समूह सखी व अन्य़ सामुदायिक कैडर व बीसी सखी को गणनाकार बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

    योगी ने गांधी जयंती पर प्रदेश को देश का पहला गरीबी मुक्त राज्य बनाने की घोषणा की थी। शुक्रवार को मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों से कहा कि निर्धनतम परिवारों का चयन गणनाकार करेंगे।

    सिंह ने कहा कि पांच सदस्यीय ग्राम स्तरीय समिति द्वारा ऐसे परिवारों का सत्यापन करेगी। समिति में ग्राम प्रधान, भूतपूर्व ग्राम प्रधान, विद्यालय के वरिष्ठ प्रधानाध्यापक, दो सबसे पुराने स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष शामिल होंगे। सदस्य को सत्यापन संबंधी ब्योरा तत्काल मोबाइल के माध्यम से देना होगा।

    सदस्यों की सूचना पर संदेह की दशा में शासन द्वारा थर्ड पार्टी से भी जांच कराई जाएगी। अंतिम चयनित निर्धनतम परिवारों की सूची ग्राम पंचायत सचिवालय पर 15 दिनों के लिए लगाई जाएगी। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

    दो स्तरीय होगा निर्धनता का आंकलन

    मुख्य सचिव ने कहा कि निर्धनता का आंकलन दो स्तरीय होगा। पहले स्तर में भूमिहीन, आजीविका का कोई विकल्प नहीं, अनिश्चित आय, दिहाड़ी/ कृषि मजदूरी पर आश्रित, आर्थिक संसाधनों की कमी, हमेशा खाने-पहनने की तंगी वाले परिवार होंगे।

    दूसरे स्तर में एकल महिला (परित्यक्ता/ विधवा) सरकारी मदद से वंचित, परिवार का मुखिया/ कमाऊ सदस्य विकलांग, मुखिया/ कमाऊ सदस्य की उम्र 65 वर्ष व उससे अधिक, मुखिया/कमाऊ सदस्य प्रवासी मजदूर है, परिवार का कोई सदस्य गंभीर बीमारी से ग्रसित है, परिवार आपदा प्रभावित स्थान पर निवास करता है, परिवार का आजीविका का साधन हस्तशिल्प/ शिल्पकारी है, कोई भी सदस्य किसी आजीविका कौशल में सक्षम नहीं है और स्वयं सहायता समूह के सदस्य भी नहीं है, उन्हें चुना जाएगा।