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    सीएम योगी फिर शुरू करेंगे 'जनता दर्शन', दो महीनों से थम था सिलसिला; इस दिन से होगी शुरुआत

    Updated: Wed, 05 Jun 2024 07:26 PM (IST)

    दो माह पूर्व आचार संहिता लगने से पहले तक सीएम योगी तकरीबन प्रतिदिन अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान आमजन से मुलाकात करते रहे हैं। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग सीएम से मिलकर उन्हें अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते रहे हैं। मुख्यमंत्री भी एक-एक कर प्रत्येक व्यक्ति से उनकी समस्याएं सुनते हैं।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार से करेंगे 'जनता दर्शन'

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आचार संहिता की वजह से पिछले दो माह से थमा 'जनता दर्शन' गुरुवार से एक बार फिर शुरू होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ प्रतिदिन सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और निराकरण के लिए अधिकारियों को तत्काल निर्देशित भी करेंगे। इस पहल से प्रदेश की जनता को अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने का अवसर प्राप्त होगा और साथ ही उसका तत्काल निराकरण भी संभव हो सकेगा।

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    प्रतिदिन लगता है जनता दर्शन

    बता दें कि दो माह पूर्व आचार संहिता लगने से पहले तक सीएम योगी तकरीबन प्रतिदिन अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान आमजन से मुलाकात करते रहे हैं। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग सीएम से मिलकर उन्हें अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते रहे हैं। मुख्यमंत्री भी एक-एक कर प्रत्येक व्यक्ति से उनकी समस्याएं सुनते हैं और तत्काल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को जनता की समस्याओं के निराकरण के निर्देश भी देते रहे हैं।

    जनता की समस्याओं के तत्काल निराकरण पर जोर

    सीएम योगी के सामने आने वाली ज्यादातर समस्याओं में जमीन संबंधित विवाद और स्वास्थ्य संबंधित खर्च के अनुरोध रहते हैं। इसके अलावा पारिवारिक विवाद और थाने व तहसील से संबंधित विवादों में भी जनता मुख्यमंत्री से गुहार लगाती है।

    हालांकि प्रदेश और जिले के अधिकारियों संग बैठकों के दौरान सीएम योगी ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि थानों और तहसीलों की साप्ताहिक समीक्षा जिलास्तर के वरिष्ठ अधिकारी करें, किसी भी फरियादी के साथ अशोभनीय व्यवहार नहीं होना चाहिए और उसकी समस्या का तत्काल यथोचित निराकरण जिलास्तर पर ही होना चाहिए। इसके अलावा जिले की समीक्षा मंडल स्तर और मंडल की समीक्षा लखनऊ मुख्यालय से प्रतिमाह होनी चाहिए।