'बटेंगे तो कटेंगे', सीएम योगी के नारे से प्रत्याशियों के चयन तक... यूपी उपचुनाव में बीजेपी की जीत के कारण
विधानसभा उपचुनाव की कमान मुख्यमंत्री योगी ने अपने हाथों में ले रखी थी। उन्होंने सभी नौ विधानसभा सीटों फूलपुर कटेहरी कुंदरकी गाजियाबाद खैर करहल सीसामऊ व मझवां और मीरापुर में 30 मंत्रियों को प्रभारी मंत्री के रूप में तैनात किया था। सभी प्रभारी मंत्रियों ने संबंधित विधानसभा सीटों पर प्रवास किया। साथ ही संगठन के पदाधिकारियों की भी ड्यूटी उपचुनाव वाली सीटों पर लगाई गई थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर हुए उपचुनाव की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। नौ में से सात सीटों पर भाजपा-रालोद का कब्जा होता दिख रहा है, जबकि सपा को दो सीटें मिलती हुई दिख रही हैं। आइए जानते हैं उपचुनाव में कैसे पलटा गेम और क्या है बीजेपी की जीत के कारण?
लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर निराशा हाथ लगने के बाद इस उपचुनाव की कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली थी। योगी ने न सिर्फ हर सीट पर जोर-शोर से प्रचार किया, बल्कि अपने एक नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' नारा दिया।
जनता को पसंद आया सीएम योगी का नया नारा 'बंटेंगे तो कटेंगे'
उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नया नारा दिया। योगी के इस नारे को नेताओं ने अपनी जनसभाओं में दोहराया। इस नारे को लेागों ने खूब पसंद किया और बीजेपी प्रत्याशियों को वोट दिया।
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योगी ने प्रचार में खुद संभाली कमान
विधानसभा उपचुनाव की कमान मुख्यमंत्री योगी ने अपने हाथों में ले रखी थी। उन्होंने सभी नौ विधानसभा सीटों फूलपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ व मझवां और मीरापुर में 30 मंत्रियों को प्रभारी मंत्री के रूप में तैनात किया था। सभी प्रभारी मंत्रियों ने संबंधित विधानसभा सीटों पर प्रवास किया। साथ ही संगठन के पदाधिकारियों की भी ड्यूटी उपचुनाव वाली सीटों पर लगाई गई थी।
जातीय समीकरण साधने के लिए विधायकों की टीम की थी तैनात
भाजपा ने सभी सीटों पर प्रभारी मंत्रियों के अलावा जातीय समीकरण साधने के लिए दस-दस विधायकों की टीम भी तैनात की थी।
उपचुनाव में 49.30 प्रतिशत हुआ था मतदान
बता दें, यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान हुआ था। नौ सीटों के उपचुनाव में 49.30 प्रतिशत मतदान हुआ। वर्ष 2022 के आम चुनावों से इस बार सभी नौ सीटों पर मतदान कम हुआ था। चार सीटें ऐसी रहीं, जहां 50 प्रतिशत से भी कम वोट पड़े थे। कुछ स्थानों पर झड़प व पथराव भी हुआ था। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 57.72 प्रतिशत व गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 33.30 प्रतिशत मतदान हुआ था।

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