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    सीएम योगी बोले- अयोध्या में जब-जब राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष हुए तब सिख कभी पीछे नहीं हटे

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 09:40 PM (IST)

    लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया। अयोध्या में राम जन्मभूमि के संघर्ष में सिखों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी के बलिदान को भी याद किया। योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के याहियागंज गुरुद्वारे का भी उल्लेख किया, जो गुरु तेग बहादुर जी की स्मृति से जुड़ा है।

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    श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी दिवस पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों की ओर से किए श्रद्धासुमन अर्पित

    डिजिटल टीम, लखनऊ। सिख पंथ के नौवें गुरु तथा हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। मंगलवार को ऐशबाग के डीएवी कॉलेज में आयोजित विशेष गुरुमति समागम में उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे मत्था टेका और शबद कीर्तन का श्रवण किया। उन्होंने नवम सिख गुरु तेग बहादुर जी महाराज, भाई मति दास जी, भाई सती दास जी व भाई दयाला जी की स्मृति को कोटि-कोटि नमन कर करोड़ों प्रदेशवासियों की ओर से कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि सत्य को कोई धूमिल नहीं कर सकता।

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    उन्होंने कहा कि साम्राज्य आए गए, पीढ़ियां आईं गईं, मगर एकमात्र अडिग थी आस्था और इसी के कारण आज हम अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर की पूर्णता, धर्म ध्वजा की स्थापना और इस कार्यक्रम के आयोजन में यहां सम्मिलित हो रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी द्वारा सिरोपा, कृपाण और गुरु साहिब की फोटो देकर सम्मानित किया गया।

    आज का दिन है प्रेरणा का दिवस
    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरा देश इस कार्यक्रम के साथ जुड़ा हुआ है। आज का दिन हम सबके लिए प्रेरणा का दिवस है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी को इतनी यातना इसलिए दी गई क्योंकि मुगलों ने पूरे भारत का इस्लामीकरण करने की मुहिम चला रखी थी। औरंगजेब जैसा क्रूर बादशाह मनमानी करने पर उतर आया था। तिलक मिटाने और जनेऊ तोड़ने के लिए उसने देशभर में अत्याचार किया। कश्मीर में जब उसके अत्याचार की पराकाष्ठा हो गई और अफगान खान जैसा सिपहसालार वहां अत्याचार करने लगा, तब पंडित कृपाराम जी को जब कहीं शरण नहीं मिली तो वे गुरु महाराज के चरणों में जाकर उनकी याचना करने लगे। गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज उस समय मात्र 9 वर्ष के थे। उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी से कहा कि याचना हो रही है, आप कह रहे हैं किसी बड़े व्यक्ति को बलिदान देना होगा, तो भला आपसे बड़ा कौन है।

    गुरु तेग बहादुर जी महाराज के बलिदान को किया याद
    मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी महाराज ने जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई। उन्हें कैद कर लिया गया। भाई मति दास को पहले यातना दी जाती है, उन्हें आरी से चीरा जाता है। भाई सती दास को रुई से लपेटकर आग लगाई जाती है और भाई दयाला को उबलते हुए पानी के देग में डालकर बलिदान कर दिया जाता है। गुरु तेग बहादुर जी महाराज तब भी अपने धर्म-संकल्प से डिगे नहीं, तो उनके साथ कितनी बड़ी क्रूरता बरती गई। जब हम इतिहास के उन क्रूर क्षणों को स्मरण करते हैं तो हमें लगता है कि यातनाएं न केवल गुरु परंपरा ने सही थीं, बल्कि वक्त आने पर उससे टक्कर लेने के लिए खुद को तैयार भी किया था। गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज को जब हम स्मरण करते हैं तो पाते हैं कि मात्र 9 वर्ष की उम्र में जिन्होंने अपने गुरु व पिता को खोया हो, जिनके चारों साहिबजादे सनातन की रक्षा करने के लिए बलिदान हो गए हों, दुनिया में बहुत कम ऐसा उदाहरण देखने को मिलता है। वे एक शहीद पिता के पुत्र हैं तो शहीद पुत्रों के पिता भी हैं।

    बाबर को जाबर कह गुरु नानक देव जी ने किया था विरोध
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि अयोध्या की पावन धरती पर आपके बीच आया हूं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या आए थे। श्रीरामजन्मभूमि पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सनातन के भगवा ध्वज का आरोहण राम मंदिर के शिखर पर एक भव्य समारोह में हुआ है। यही वह भगवा ध्वज है जिसकी रक्षा करने के लिए सिख गुरुओं की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी बलिदान करती आई है। याद करिए, वर्ष 1510 से लेकर 1515 के बीच प्रथम गुरु नानक देव जी महाराज अयोध्या धाम में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर का दर्शन करने जाते हैं। वर्ष 1528 में विदेशी आक्रांता बाबर के सिपहसालार द्वारा मंदिर को तोड़ा गया। उस समय बाबर के अत्याचार को देखते हुए गुरु नानक देव महाराज ने बाबर को जाबर कहकर उसके कुकृत्यों का विरोध किया था। अयोध्या में जब-जब राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष हुए, तब सिख गुरुओं, योद्धाओं, संतों, निहंगों, राजाओं व सामान्य नागरिकों ने बलिदान देने में एक क्षण भी नहीं सोचा।

    आस्था बनी महायज्ञ की साक्षी
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या के बारे में यह बात हम सबको स्मरण रखनी होगी कि जो आस्था 500 वर्षों के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के महायज्ञ की साक्षी बनी है, वही आस्था आज इस कार्यक्रम में भी हम सबको देखने को मिल रही है। 350 वर्षों के बाद भी हर सिख, हर सनातनी गुरु तेग बहादुर जी महाराज व सभी शहीदों के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अपनी आस्था व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि यही बात मैं आप सबको स्मरण दिलाने के लिए आया हूं। गुरु गोबिंद सिंह के चारों साहिबजादों को जो सम्मान तब मिलना चाहिए था, वह 2020 में मिला। पहले मुख्यमंत्री आवास में कार्यक्रम हुआ और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 26 दिसंबर की तिथि को सदैव के लिए वीर बाल दिवस के रूप में समर्पित करते हुए उन चारों साहिबजादों की स्मृति को जीवंत बना दिया गया है। यह आने वाली पीढ़ी, हर नौजवान व हर युवा को बताता है कि जो भी देश और धर्म के लिए कुछ करेगा, उसके प्रति समाज इसी प्रकार से कृतज्ञता ज्ञापित करेगा। वही कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर हम सभी के सामने आज का यह दिवस भी है।

    याहियागंज गुरुद्वारा है गौरवशाली क्षणों का साक्षी
    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि लखनऊ को गुरु तेग बहादुर जी महाराज का सान्निध्य प्राप्त हुआ था। लखनऊ के याहियागंज गुरुद्वारे में गुरु तेग बहादुर जी महाराज के आगमन के समय गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज शिशु अवस्था में थे। वह स्मृति आज भी उसी रूप में याहियागंज में हम सभी को देखने को मिलती है। वहां का तेज व प्रताप सिख परंपरा के गौरवशाली क्षणों का साक्षी है। उन्होंने आगे कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तर प्रदेश में इन स्मृतियों को और मजबूती प्रदान करने में डबल इंजन की सरकार कृतसंकल्पित है। उन्होंने आह्वान किया कि अपनी गुरु परंपरा, महापुरुषों और देश व धर्म के लिए योगदान देने वाले सभी योद्धाओं के प्रति हमारी आस्था वैसे ही अडिग होनी चाहिए जैसे हमारा यह केसरिया पताका हमेशा अपने अडिग रूप से सदैव हम सभी को नई प्रेरणा प्रदान करता है।

    कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख, दानिश अंसारी, गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. अमरजीत सिंह जी, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह, सरदार सतनाम सिंह, सरदार दलजीत सिंह, मनमीत सिंह, आनंद मोहन तिवारी व अन्य उपस्थित रहे।

    पूरी दुनिया में है योगी आदित्यनाथ का सम्मान: औलख
    कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख ने कहा कि औरंगजेब ने सनातन धर्म को खत्म करने का बीड़ा उठाया, तो उसे लगा कि कश्मीर के पंडितों का धर्म परिवर्तन करने से पूरे देश के इस्लामीकरण में मदद मिलेगी। पंडित कृपाराम जी की अध्यक्षता में सभी ने सलाह की कि गुरु तेग बहादुर जी ही रक्षा कर सकते हैं। गुरु जी महाराज ने तब मुगलों से कहा कि अगर आप मेरा धर्म परिवर्तन कर सकते हैं तो फिर सबका कर सकते हैं। गुरु जी ने स्नान कर जपजी साहिब का पाठ किया और फिर शीश काटने की आज्ञा दी जिसे जल्लादों ने पूरा किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सम्मान पूरी दुनिया में है। सभी आश्वस्त हैं कि वे आज गुरुद्वारे में जरूर आएंगे और इसी विश्वास को उन्होंने कायम रखा। सिखों के सभी पर्व-उत्सवों को मनाने का कार्य जो मुख्यमंत्री योगी करते हैं, वह किसी अन्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के बस की बात नहीं है।