Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीएम योगी बोले- लखनऊ बनेगा देश का पहला आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस सिटी; कहा- निर्माण कार्य केवल कृषि भूमि पर ही हो

    By Rajeev DixitEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Fri, 23 Jun 2023 09:17 PM (IST)

    प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के संदर्भ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर हुई बैठक में अधिकारियों ने उन्हें यह जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री ने सितंबर में ग्रेटर नोएडा में होने जा रहे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो को राजधानी में हुए यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तर्ज पर बड़े स्तर पर आयोजित करने का निर्देश दिया।

    Hero Image
    सीएम योगी बोले- लखनऊ बनेगा देश का पहला आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस सिटी; कहा- निर्माण कार्य केवल कृषि भूमि पर ही हो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर का आकार देने के लिए प्रदेश के महानगरों को अलग-अलग क्षेत्रों के केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। इसी क्रम में लखनऊ को देश का पहला एआइ (आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस) सिटी बनाने की तैयारी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के संदर्भ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर हुई बैठक में अधिकारियों ने उन्हें यह जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री ने सितंबर में ग्रेटर नोएडा में होने जा रहे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो को राजधानी में हुए यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तर्ज पर बड़े स्तर पर आयोजित करने का निर्देश दिया।

    प्रदेश को हरित ऊर्जा का हब बनाने को लेकर अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने प्रदेश को शिक्षा के हब के रूप में स्थापित करने पर भी जोर दिया। निर्माण सेक्टर की समीक्षा करते हुए यह भी निर्देश दिया कि कोई भी निर्माण कार्य बंजर और अनुपजाऊ भूमि पर ही होना चाहिए, कृषि योग्य भूमि पर नहीं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाना हमारा मिशन है। अधिकारी इसके लिए कोर क्षेत्रों पर फोकस करें। कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, धार्मिक पर्यटन तथा आइटी/आइटीईएस हमारे कोर क्षेत्र हैं। इसके अलावा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शहरी विकास, शिक्षा, खाद्य प्रसंस्करण, एमएसएमई आदि क्षेत्रों पर भी विशेष फोकस करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई की 96 लाख इकाइयां हैं। प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एमएसएमई सेक्टर में बड़े स्तर पर योजना बनाने की आवश्यकता है।

    निर्माण कार्यों का कराएं पंजीकरण और बीमा भी

    मुख्यमंत्री ने निर्माण सेक्टर की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में 54 लाख आवास गरीबों के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण की तर्ज पर ही हर तरह के निर्माण कार्यों का रजिस्ट्रेशन अवश्य कराएं। इसके लिए तकनीकी का उपयोग किया जाए।

    शहर और गांवों में होने वाले हर निर्माण कार्य का डाटा हमारे पास होना चाहिए। इस व्यवस्था के साथ ही पंजीकृत होने वाले निर्माण कार्यों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। पंजीकृत निर्माण कार्यों के दौरान या बाद में अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसके लिए बीमा की व्यवस्था की जाए। बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रत्येक निर्माण का पंजीकरण होना चाहिए।

    यह भी दिए निर्देश

    -जिलों की जीडीपी जारी करने का कार्य जो कोविड कालखंड में रुक गया था, उसे पुन: शुरू कराया जाए।

    -व्यापारियों को कारोबार करने में सहूलियत देने की व्यवस्था में और अधिक सुधार होने चाहिए।

    -प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के सटीक आकलन के लिए प्रणाली विकसित की जाए। जरूरत हो तो आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया जाए।