CM योगी ने बलिदानी सैनिक मोहित-सुभाष को दी श्रद्धांजलि, परिजनों को 50-50 लाख रु की आर्थिक सहायता की घोषणा
UP News जम्मू और कश्मीर में कर्तव्य पालन के दौरान बदायूं जिले के निवासी सेना के जवान मोहित राठौर और हाथरस निवासी जवान सुभाष चंद्र वीरगति को प्राप्त हो गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलिदानी जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने बलिदानी के स्वजन को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू और कश्मीर में कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए बदायूं जिले के निवासी सेना के जवान मोहित राठौर और हाथरस निवासी जवान सुभाष चंद्र को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने बलिदानी के स्वजन को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।
बलिदानी सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जिले की एक सड़क का नामकरण उनके नाम पर करने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की है। मुख्यमंत्री ने परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। प्रदेश सरकार शहीद परिवार को हर संभव मदद प्रदान करेगी।
बलिदानी मोहित राठौर के पिता नत्थू राठौर बीते शनिवार को जब से बेटे के बलिदान होने की खबर मिली है बेसुध हैं। स्वजन और गांव के लोग सहारा देकर उन्हें जहां जरूरत थी ले जा रहे थे। उन्हें सदमा तो लगा है, लेकिन इस बात पर गर्व है कि उनका बेटा देश के काम आ गया। मोहित की पत्नी रूचि की आंखों से बस आंसू बह रहे थे, मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहे थे। रविवार को सुबह से ही अधिकारियों और नेताओं की भीड़ जुटने लगी थी। हर कोई बलिदानी के परिवार के लोगों के पास जाकर ढांढ़स बंधाने की कोशिश कर रहा था।
पिता नत्थू सिंह से लोग बेटे के बारे में जब कुछ पूछ रहे थे तब वह फफक कर रो पड़ते थे। इधर-उधर भीड़ में निगाह दौड़ाकर मानों अपने बेटे की तलाश कर रहे हों। बस इतना ही बोले, बेटा देश के लिए बलिदान हुआ है, उस पर गर्व है। पत्नी रूचि तो जैसे पत्थर सी हो गई है। शनिवार रात में उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। सैनिक पति का पार्थिव शरीर पहुंचा तो भी वह रोती रही। उसके मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहे थे। डीएम निधि श्रीवास्तव ने बताया कि बलिदानी का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। परिवार को आर्थिक मदद सेना से पत्राचार होने के बाद ही दी जाएगी। इसका निर्णय शासन स्तर से लिया जाएगा।

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