'नेहरू की नीतियों के कारण कश्मीर विवादित', CM योगी बोले- मोदी ने धारा-370 हटाकर साकार किया एक भारत का संकल्प
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेहरू की नीतियों को कश्मीर विवाद का कारण बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने धारा-370 हटाकर 'एक ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उन्हें नमन करते हुए कहा कि देश के प्रति उनकी सेवाएं और योगदान भारतीय इतिहास का चिरस्मरणीय अध्याय है।
कश्मीर मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनाई गई नीतियों से जम्मू-कश्मीर विवादित हुआ, जिसका दंश देश को लंबे समय तक झेलना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लौहपुरुष सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए धारा-370 समाप्त की और ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के संकल्प को मजबूती दी।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके नेतृत्व, दूरदर्शिता व राष्ट्रनिष्ठा को आधुनिक भारत की आधारशिला बताया। कहा कि 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद में जन्मे सरदार पटेल ने सामान्य किसान परिवार से उठकर परिश्रम और संकल्प के बल पर राष्ट्रसेवा को जीवन का लक्ष्य बनाया।
स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने कठोर संघर्ष झेले, जेल यात्राएं कीं, लेकिन कभी विचलित नहीं हुए। आजादी के समय देश के विभाजन का उन्होंने पुरजोर विरोध किया और 567 रियासतों का भारत गणराज्य में विलय कर राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ किया। वर्तमान भारत के शिल्पी के रूप में देश सदैव लौहपुरुष को स्मरण करेगा।
योगी ने कहा कि सरदार पटेल की सूझबूझ और निर्णायक नेतृत्व के कारण जूनागढ़ और हैदराबाद जैसी रियासतें रक्तहीन क्रांति के माध्यम से भारत का हिस्सा बनीं। अंग्रेजों की ‘टू नेशन थ्योरी’ के दौर में जब रियासतों को विकल्प दिए गए, तब भी सरदार पटेल ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए ऐतिहासिक निर्णय किए।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार से लेकर प्रशासनिक सेवाओं के वर्तमान स्वरूप की नींव रखने तक अनेक उल्लेखनीय कार्य किए। दुर्भाग्यवश 15 दिसंबर 1950 को उनका देहावसान हुआ, लेकिन उनकी स्मृतियां और राष्ट्रसेवा हर भारतवासी को प्रेरणा देती रहेंगी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल आदि उपस्थित थे।

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