मुख्यमंत्री व दोनों उप मुख्यमंत्रियों के पास 25-25 जिलों की समीक्षा की जिम्मेदारी रहेगी। इसमें चार-चार माह के बाद रोटेशन के आधार पर जिलों का प्रभार बदलता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रिमंडल के सदस्यों को आपसी समन्वय और संगठन को साथ लेकर चलने का आग्रह किया है। प्रभारी मंत्री हर माह अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा कर वहां रात्रि विश्राम भी करेंगे। विकास कार्यों का निरीक्षण भी प्रभारी मंत्री करेंगे।
प्रभारी मंत्री की सूची
राज्य मंत्री (19)
नाम |
जिला |
मयंकेश्वर सिंह |
सीतापुर |
दिनेश खटिक |
शामली |
संजीव कुमार गोंड |
चंदौली |
बलदेव औलख |
पीलीभीत |
अजीत सिंह पाल |
फतेहपुर |
जसवन्त सैनी |
बागपत |
रामकेश निषाद |
हमीरपुर |
मनोहरलाल मन्नु कोरी |
चित्रकूट |
संजय गंगवार |
जालौन |
बृजेश सिंह |
गौतमबुद्धनगर |
केपी मलिक |
अमरोहा |
सुरेश राही |
बाराबंकी |
सोमेंद्र तोमर |
मुजफ्फरनगर |
प्रतिभा शुक्ला |
औरैया |
राकेश राठौर गुरू |
महोबा |
रजनी तिवारी |
कन्नौज |
सतीश शर्मा |
अमेठी |
दानिश आजाद अंसारी |
ललितपुर |
विजयलक्ष्मी गौतम |
संतकबीरनगर |
मुख्यमंत्री के आवास पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग में आयोजित बैठक में उपचुनाव, सदस्यता अभियान व मंत्रियों के प्रभार को लेकर चर्चा हुई। 12 वरिष्ठ मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार दिया गया है। छह मंत्रियों को एक-एक जिला दिया गया है।
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार में 14 में से 12 मंत्रियों को दो-दो जिले मिले हैं, जबकि दो मंत्रियों को एक-एक जिला मिला है। इसी प्रकार, सभी 19 राज्य मंत्रियों को एक-एक जिले का प्रभारी बनाया गया है। पीलीभीत के प्रभारी मंत्री बलदेव औलख और मीरजापुर के नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ही प्रभारी मंत्री रहेंगे। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को लखनऊ के साथ अब वाराणसी का प्रभारी बनाया गया है। इस बार यहां प्रधानमंत्री की जीत का अंतर घटा था।
स्वतंत्रदेव सिंह को प्रयागराज और गोरखपुर की जिम्मेदारी दी गई है। प्रयागराज के फूलपुर में उपचुनाव होना है, यहां कुर्मियों की संख्या को देखते हुए यह बदलाव माना जा रहा है। मैनपुरी की करहल सीट पर उपचुनाव के कारण अब वहां की जिम्मेदारी पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेन्द्र कश्यप को सौंपी गई है। उन्हें शाहजहांपुर का भी प्रभार मिला है।
कम से कम 24 घंटे अपने प्रभार वाले जिलों में रहें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी मंत्री हर माह कम से कम 24 घंटे अपने प्रभार वाले जिलों में जरूर रहेंगे। वहां के प्रबुद्ध नागरिक, धर्माचार्यों, प्रगतिशील किसानों, व्यापारिक संगठनों सहित सामाजिक नेताओं के समूहों में से किसी एक के साथ बैठक अवश्य करेंगे। शासन से संबंधित मुद्दों को प्रभारी मंत्री कोर कमेटी से चर्चा करके प्रत्येक माह संबंधित विभाग व मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले की समीक्षा बैठक में जन शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए। कानून व सुरक्षा संबंधी विषयों, राजस्व विभाग से जुड़े हुए विषयों को जैसे वरासत, पैमाइश, नामांतरण, लैंड यूज सहित आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन आदि की समीक्षा कर मेरिट के आधार पर निस्तारण कराएं। इसकी समीक्षा की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय और संबंधित विभाग को अनिवार्य रूप से भेजी जाए। प्रभारी मंत्री केंद्र और राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं, लोक कल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय स्तर पर भौतिक सत्यापन भी करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, प्रभारी मंत्री जिलों में भाजपा के जिला व क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ भी अलग से बैठक करेंगे। यह भी तय हुआ कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर स्वच्छता अभियान का शुभारंभ होना है, ऐसे में सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। स्वच्छता का यह अभियान जन आंदोलन बने, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
पर्यटन विकास की संभावनाएं भी तलाशेंगे
प्रभारी मंत्री स्थानीय पर्यटन विकास की संभावनाएं भी तलाशेंगे। इनके प्रचार-प्रसार कराएंगे। जिलों में प्राप्त निवेश के प्रस्तावों की समीक्षा कर उद्यमी मित्रों और स्थानीय बैंकर्स के साथ चर्चा भी करेंगे।
जिलों में जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन के साथ यातायात समस्या के संबंध में बैठक करेंगे। सड़क सुरक्षा के उपायों की समीक्षा करने के साथ ही आकांक्षात्मक विकास खंडों की समीक्षा भी अनिवार्य रूप से करेंगे।
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