सीएम योगी के दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश, अब लिखित परीक्षा से होगी औषधि निरीक्षकों की भर्ती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औषधि नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया है। उन्होंने ‘जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी’ का पद सृजित करने, औषधि निरीक्षकों की संख्या दोगुनी करने और उनकी भर्ती लिखित परीक्षा से कराने के निर्देश दिए। जनपदों में प्रभावी पर्यवेक्षण और समयबद्ध जांच व्यवस्था लागू करने को कहा गया। साथ ही, उप आयुक्त (औषधि) पदों की संख्या बढ़ाने और औषधि नियंत्रक पद के लिए स्पष्ट योग्यताएं व निश्चित कार्यकाल तय करने पर भी सहमति बनी।
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औषधियों की गुणवत्ता सर्वोपरि, नियंत्रण तंत्र को बनाएं सुदृढ़ और प्रभावी: मुख्यमंत्री योगी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से औषधि नियंत्रण तंत्र को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने पर बल दिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिलास्तर पर कार्य व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अब ‘जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी’ का पद सृजित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औषधि निरीक्षकों की संख्या को वर्तमान के सापेक्ष दोगुना किया जाए। इन पदों पर चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए अब साक्षात्कार के स्थान पर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में औषधि नियंत्रण संवर्ग के पुनर्गठन एवं नए पदों के सृजन से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में औषधि निरीक्षकों की समुचित तैनाती सुनिश्चित की जाए तथा जिला स्तर पर प्रभावी पर्यवेक्षण और समयबद्ध जांच व्यवस्था लागू की जाए।
बैठक में बताया गया कि विभाग में वर्तमान में 109 औषधि निरीक्षक कार्यरत हैं, जो भारत सरकार के मानकों की दृष्टि से अपर्याप्त हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औषधि निरीक्षण व्यवस्था को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना जनस्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है।
बैठक में औषधि नियंत्रण संवर्ग के उच्च पदों के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने उप आयुक्त (औषधि) पदों की संख्या में वृद्धि तथा संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद पर पदोन्नति हेतु अर्हकारी सेवा में संशोधन के प्रस्ताव को अपनी सहमति दी। मुख्यमंत्री ने विभाग में औषधि नियंत्रक पद के लिए स्पष्ट योग्यताएं एवं मानक तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस पद के लिए एक निश्चित कार्यकाल निर्धारित किया जाए, ताकि तंत्र के शीर्ष स्तर पर नेतृत्व और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

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