धनतेरस और दीपावली पर यूपी के व्यापारियों को बड़ी राहत, सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से फील्ड में साफ छवि वाले और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध अफसरों को तैनात करने को कहा। उन्होंने धनतेरस और दीपावली पर छापेमारी से बचने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राजस्व संग्रह में पारदर्शिता और फर्जी ITC मामलों पर सख्ती बरतने पर जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि फील्ड में तैनाती का आधार केवल ‘प्रदर्शन’ होगा। फील्ड में वही अधिकारी तैनात किए जाएं जो लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्ध हों और जिनकी छवि साफ-सुथरी हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफार्म’ के बाद बाजार में तेजी देखी जा रही है और आने वाले महीनों में इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे।
उन्होंने निर्देश दिए कि धनतेरस और दीपावली के मौके पर अनावश्यक जांच या छापेमारी की कार्रवाई से बचा जाए। व्यापारियों और उद्यमियों के उत्पीड़न की शिकायत कहीं से भी नहीं आनी चाहिए।
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में बताया गया कि बरेली जोन सालाना लक्ष्य का 64.2 प्रतिशत, सहारनपुर 63.7 प्रतिशत, मेरठ 63.0 प्रतिशत, गोरखपुर 62.5 प्रतिशत और झांसी जोन 62.1 प्रतिशत रहा है। कुछ जोन ने सालाना लक्ष्य का 55 से 58 प्रतिशत राजस्व प्राप्त किया है।
मुख्यमंत्री ने सभी जोनों की संभागवार और खंडवार समीक्षा की। उन्होंने सभी जोनल अधिकारियों से कहा कि 50 प्रतिशत से कम राजस्व प्राप्त करने वाले खंड कारण स्पष्ट करें और सुधार की कार्ययोजना तैयार करें।
बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन में कोई भी खंड 50 प्रतिशत से कम संग्रह वाला नहीं है। यह संतोषजनक है। उन्होंने असंतोषजनक प्रदर्शन करने वालों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी बाजार जाएं व्यापारियों से मिलें और उनकी अपेक्षाओं को समझें। स्वयं बाजार की मैपिंग करें। मंडी शुल्क में कमी का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे किसानों को राहत और राजस्व में वृद्धि दोनों हुई हैं। उन्होंने व्यापारियों से संवाद बनाए रखने पर बल देते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण बढ़ाने और समय से रिटर्न फाइल कराने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं।
अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितंबर माह तक राज्य कर विभाग को कुल 55 हजार करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है। इसमें 40 हजार करोड़ जीएसटी तथा 15 हजार करोड़ वैट/नान-जीएसटी से प्राप्त हुए हैं।
पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि में 55,136.29 करोड़ की प्राप्ति हुई थी। चालू वित्तीय वर्ष के लिए राज्य कर विभाग को 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के 1,56,982 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 18,700 करोड़ रुपये अधिक है।
बैठक में बोगस फर्मों और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के मामलों पर विशेष चर्चा हुई। अब तक 104 फर्मों में 873.48 करोड़ रुपये के फर्जी आइटीसी की पहचान की गई है। इनकी जांच एवं दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और ईमानदारी सर्वोपरि है। जहां कमी दिखाई दे, वहां कारणों की समीक्षा कर तुरंत सुधार किया जाए। उन्होंने बकाया वसूली, फर्जी आइटीसी की रोकथाम और लंबित जीएसटी/वैट मामलों के त्वरित निस्तारण पर विशेष बल दिया।
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