सीएम योगी आदित्यानाथ ने गंगा, यमुना और घाघरा को समेत छोटी बड़ी सभी 31 नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर पंद्रह जून से गोमती नदी में पानी छोड़ा जाएगा। इससे गोमती नदी में एक गंदगी आगे बह जाएगी तो शहरवासियों को मिल रहे गंदे पानी से राहत मिलेगी। उन्होंने छोटी बड़ी सभी 31 नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं।

लखनऊ, जेएनएन। गर्मी के साथ ही कम हो रहे पानी से गोमती नदी की दुर्दशा दिख रही है। गोमती बैराज पर पानी रोके जाने और पीछे से पानी न मिलने से नदी के जल में घुलित ऑक्सीजन भी कम हो रही है। ऐसे में मछलियों के साथ ही अन्य जलजीवों पर खतरा बढ़ गया है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर पंद्रह जून से गोमती नदी में पानी छोड़ा जाएगा। इससे एक तो गोमती नदी में एक गंदगी आगे बह जाएगी तो शहरवासियों को मिल रहे गंदे पानी से राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने इसके अलावा उत्तर प्रदेश से होकर बहने वाली गंगा, यमुना, घाघरा और सरयू को मिलाकर छोटी बड़ी सभी 31 नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। जइसी क्रम में गोमती नदी के प्रदूषण को कम कर और उसे स्वच्छ बनाने की तैयारी है। लोहिया पथ पर 1090 चौराहे के पास जल निगम की ओर से जीएच कैनाल पर एसटीपी बनाने के काम में तेजी आ गई है और सितम्बर 2022 तक उसे चालू कर दिया जाएगा। इसके बाद गोमती नदी में बड़े नालों की गंदगी नहीं गिरेगी। यह एसटीपी 336 करोड़ की लागत से 120 एमएलडी का बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जून 2018 में खुद गोमती सफाई अभियान की नींव रखने के बाद नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रदेश में विभिन्न स्थलों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हो चुका है।
एसटीपी निर्माण में हरे-भरे पेड़ों को नहीं पहुंचाया गया नुकसान: यूपी सरकार के निर्देश पर एसटीपी निर्माण कार्य के दौरान राजधानी के बीच छह एकड़ भूमि में बन रहे जीएच कैनाल पर 150 बड़े पेड़ों को बचा लिया गया है। इनको काटे बिना निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माण क्षेत्र में बीचों बीच एक पीपल का पुराना पेड़ है, जिसे बिना नुकसान पहुंचाए काम हो रहा है।
लखनऊ से पीलीभीत तक चल रहा घाटों का सुंदरीकरण: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर पीलीभीत को बड़ी सौगात दी थी। यहां पर्यटन की दृष्टि से ब्रह्मचारी घाट को विकसित करने के लिए धनराशि भी स्वीकृत कर दी। योगी सरकार द्वारा 44.77 लाख रुपए का बजट दिया गया है, जिससे पीलीभीत में घाटों के सुंदरीकरण का काम शुरू हो गया है। लखनऊ की धरोहर माने जाने वाली गोमती नदी के उद्गम स्थल को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
एसटीपी की संख्या बढ़ाने के लिए बन रहे नए डीपीआर: नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की सरकार की योजना को पूरा करने के लिए सुल्तानपुर रोड पर भी एक एसटीपी बनाने व बाराबिरवा कानपुर रोड पर ड्रेनेज की व्यवस्था के लिए जल निगम को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
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