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    सीएम योगी का यूपी को तोहफा,150 लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली एंबुलेंस सड़कों पर उतरीं

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 14 Apr 2017 05:53 AM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग से एम्बुलेंस को रवाना किया। प्रदेश के 75 जिलों को दो-दो एडवांस लाइफ सपोर्ट ( एएलएस) एम्बुलेंस दी जा रही है।

    सीएम योगी का यूपी को तोहफा,150 लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली एंबुलेंस सड़कों पर उतरीं

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था के साथ ही स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करने के प्रति गंभीर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रदेश को 150 एम्बुलेंस तोहफे में दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग से एम्बुलेंस को रवाना किया। प्रदेश के 75 जिलों को दो-दो एडवांस लाइफ सपोर्ट ( एएलएस) एम्बुलेंस दी जा रही है। 

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    इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह हो! पिछली सरकार ने केन्द्र से मदद नही ली। उन्होंने कहा कि शहर के पास में 30 मिनट और गांव में 45 मिनट के भीतर पहुँचेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में यूपी और तेजी से आगे बढ़ेगा। हम आने वाले दिनों में पूरी जवाबदेही के साथ 100 और एम्बुलेंस शुरू करेंगे। हमने जब भी पूर्व की सरकार से ऐसी व्यवस्था के बारे में पूछा तो यही जवाब मिलता था कि पैसा नही है। मुझे बहुत ख़ुशी है कि जो योजना पिछले दो साल से रुकी हुई थी। उसका आज बैसाखी के दिन शुभारम्भ हो रहा है। 

    योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार फिजूलखर्चों को रोकेगी और विकास पर ध्यान देगी, जिससे 5 साल में यूपी अग्रणी राज्‍य होगा। यूपी की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि केन्द्र की सरकार पैसा देना चाहती थी, लेकिन पिछली राज्य सरकार पैसा नहीं लेना चाहती थी लेकिन योजनाओं में पीएम को श्रेय न देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री पैसा ही नहीं लेते थे। योगी ने कहा कि सूबे के विकास के लिए ये जरूरी है कि केन्द्र और राज्य मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि विकास की योजनाओं पर लगातार चर्चा बहुत जरूरी है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से मुक्ति दिलाने के लिए हम काम कर रहे हैं।


    प्रदेश सरकार की एडवांस लाइफ सपोर्ट ( एएलएस) एम्बुलेंस का नि:शुल्क सेवा का लाभ केवल अति गंभीर मरीजों को मिलेगा। इस एम्बुलेंस से जाने वाले अति गंभीर मरीज को किसी हॉस्पिटल की इमरजेंसी में लाया गया हो उनको पहले एडमिट किया जाएगा। एम्बुलेंस के लिए हॉस्पिटल के डॉक्टर्स, सीएमएस, डायरेक्टर और सीएमओ में से किसी एक की परमिशन लेना जरूरी होगा। एम्बुलेंस सभी मुख्यालयों पर मौजूद रहेगी। पेशेंट्स को केवल एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तक ले जाएगी। 

    एम्बुलेंस के अंदर एक वेंटिलेटर लगाया गया है। ताकि हार्ट अटैक, बर्न, हेड इंजुरी और क्रिटिकल पेशेंट्स को इमरजेंसी पडऩे पर लाइफ सपोर्ट दिया जा सके।  एक आटोमेटेड एक्सटर्नल डिफेबरीलेटर डिवाइस लगाई गई है, ताकि पेशेंट्स को सांस सम्बन्धी प्रॉब्लम होने पर उसे फौरन राहत पहुंचाई जा सके। इसमें एक मल्टी पैरा मॉनिटर डिवाइस लगाई गई है। इस डिवाइस के जरिए पेशेंट्स के बॉडी में हो रहे बदलाव पर नजर रखी जाती है।

    एम्बुलेंस में इमरजेंसी में पेशेंट्स को दी जाने वाली जरूरी मेडिसिन्स अवेलेबल रहेगी। वैन के अंदर इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) भी मौजूद रहेंगे।

    यह एम्बुलेंस हार्ट की प्रॉब्लम वाले मरीजों को काफी राहत देने वाली है। उन्हें डॉक्टर की एडवाइस पर एएलएस एल्बुलेंस की सुविधा मिलेगी। इसके साथ डिलीवरी में क्रिटिकल कंडीशन, सांस लेने में तकलीफ, न्यू बोर्न बेबी के क्रिटिकल केस, हेड इंजुरी, बर्न केस में भी पेशेंट्स को इसकी सुविधा मिलेगी।