सदगुरु जग्गी वासुदेव के मिट्टी बचाओ अभियान को यूपी के 25 करोड़ लोगों का समर्थन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया भरोसा
Sadhguru Jaggi Vasudev Save soil campaign मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदगुरु ने 2017 में जब नदियों का अभियान यूपी से शुरू किया था। आज हमने बड़ी संख्या में यूपी में नदियों को संवारा है। मिट्टी बचाओ अभियान के क्रम में ही हम इस वर्ष 35 करोड़ पौधे लगाएंगे।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिट्टी बचाओ अभियान के प्रणेता सदगुरु जग्गी वासुदेव का लखनऊ में स्वागत करते हुए कहा उनके इस पवित्र अभियान को उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता का पूरा सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती मां के लिए ऐसी चिंता सामयिक है। यह विश्व को बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
सीएमएस कानपुर राेड स्थित आडिटोरियम में मिट्टी बचाओ कार्यक्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैदिक काल से ही हमें सिखाया जाता रहा है कि धरती हमारी माता है। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने स्वास्थ्य की नियमित परीक्षण कराते हैं, ताकि हम हम स्वस्थ्य और आरोग्य रहें। मगर हम लोग कभी अपनी धरती मां की चिंता नहीं करते। उन्होंने कहा कि 2014 में सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने स्वायल हेल्थ शुरू किया था। मगर आज स्वयं सदगुरू जुड़ गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भूमि सबसे उपजाऊ मानी जाती है, हमारे पास जल संसाधन हैं। इसलिए प्रदेश की पूरी जनता मिट्टी बचाओ अभियान से जुड़ेगी। मिट्टी बचाने के उद्देश्य से ही हम लोग नैचुरल फार्मिंग से जुड़ रहे हैं। कानपुर में पीएम ने हमसे गंगा यात्रा की चर्चा की थी। नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगोत्री से गंगासागर तक करीब 2500 किलोमीटर तक के गंगा के कठिन सफर पर हमने काम किया। सबसे कठिन स्थान कानपुर का जाजमऊ था। जहां विशैला पानी गिरता था। आज जाजमऊ और शीशामऊ के जल में जीवन देखने को मिल रहा है।
सीएम ने कहा कि सदगुरु ने 2017 में जब नदियों का अभियान यूपी से शुरू किया था। आज हमने बड़ी संख्या में यूपी में नदियों को संवारा है। मिट्टी बचाओ अभियान के क्रम में ही हम इस वर्ष 35 करोड़ पौधे लगाएंगे। यूपी सरकार ने बुंदेलखंड के लिए विशेष बजट की व्यवस्था की है। हर कमिश्नरी स्तर पर विशेष बाजार लगाया जाएगा। जहां जैविक उत्पाद की टेस्टिंग कर उसका उत्पादन किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रभु राम की जन्मभूमि है। जननी और जन्मभूमि के प्रति हम सभी को आभार प्रकट करना चाहिए।
सदगुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि मिट्टी को मिट्टी कहने के लिए तीन प्रतिशत जैविक तत्वों का होना आवश्यक है। भारत के 63 प्रतिशत भूभाग में मिट्टी में 0.5 प्रतिशत से भी कम जैविक तत्व शेष रह गये हैं। बीते दशकों में तेजी से मिट्टी से जैविक तत्वों में गिरावट दर्ज हुई है। आज जिस फल का सेवन हम कर रहे हैं, उसमें पहले की अपेक्षा 90 प्रतिशत पोषक तत्व कम हो गया है। तेजी से खराब होती मिट्टी सिर्फ पर्यावरण का संकट नहीं है, यह हमारे अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा है।
बीते मार्च माह में शुरू मिट्टी बचाओ अभियान के तहत मंगलवार को लखनऊ पहुंचा। इस अभियान में 100 दिन में 30 हज़ार किलोमीटर की मोटरसाइकिल से 27 देशों की यात्रा कर मिट्टी बचाने के लिए किसानों संग आम जनमानस को जागरूक किया जा रहा है। वहीं, सरकार को मिट्टी बचाने के लिए नीति बनाने संग किसानों को कार्बन क्रेडिट से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
सदगुरू ने बताया कि तीन चरणों वाली व्यावहारिक रणनीति से मिट्टी में जैविक तत्वों के प्रतिशत को सफलतापूर्वक बढ़ाया जा सकता है। जिसमें पहले चरण में न्यूनतम 3 से 6 प्रतिशम जैविक तत्व हासिल करने वाले किसान के लिए सरकार एक आकर्षक प्रोत्साहन योजना बनाकर आर्थिक लाभ दे। दूसरे चरण में किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ देने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
वहीं, तीसरे चरण में जैविक तत्वों वाली मिट्टी से उगाए भोज्य पदार्थों को चिन्हित कर उन्हें अधिक कीमत में बेचने के साथ जैविक व गैर जैविक उत्पादों के बीच अंतर रखा जाए। उन्होंने कहाकि बुंदेलखंड असीम संभावनाओं का क्षेत्र है। यहां मिट्टी में जैविक तत्व लगभग खत्म हो चुके हैं।इन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है, इसके लिए प्रदेश सरकार को बुंदेलखंड की मिट्टी बचाने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मिट्टी के दोहन संग वृक्षों के अनियमित कटान से गंगा बेसिन का 90 प्रतिशत ग्रीन कवर नष्ट हो चुका है। प्रदेश में विशेष रूप से अनियमित कटान पर्यावरण असंतुलन का कारण है। जिससे मिट्टी में पानी वहन करने की क्षमता भी प्रभावित हुई है। इस दौरान सदगुरू और प्रदेश सरकार के बीच समझौता हस्ताक्षर हुआ। सदगुरू ने सीएम को मिट्टी बचाओ पालिसी का दस्तावेज भेंट किया। इस मौके पर प्रदेश सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डीके सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, सीएमएस संस्थापक डा जगदीश गांधी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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