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गोमती रिवर फ्रंट के बाद अब लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की जांच का आदेश

योगी आदित्यनाथ सरकार की निगाहें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट पर हैं। लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के बाद अब सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस की जांच के आदेश दिए हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 12:09 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 01:10 PM (IST)
गोमती रिवर फ्रंट के बाद अब लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की जांच का आदेश

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की निगाहें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट पर हैं। लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के बाद अब सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस की जांच के आदेश दिए हैं। 

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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस की जांच के प्रकरण 10 जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। सभी को आदेश दिया गया है कि वो पिछले 18 महीने में हुए जमीन खरीद के हर मामले की जांच करें। योगी सरकार के इस कदम को अखिलेश यादव को बड़ा झटका माना जा रहा है। उनका एक और ड्रीम प्रोजेक्ट सरकार की रडार पर है। 

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प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व में अखिलेश यादव सरकार के काम से संतुष्ट नहीं हैं। सीएम योगी ने लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण करने के बाद इसके हर काम की जांच का आदेश दिया था। अब उन्होंने अखिलेश सरकार के एक और ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के काम की जाँच के आदेश दे दिए हैं।

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अखिलेश यादव की सरकार में ही लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे का काम अधूरा रह गया था। इसके बाद भी मुलायम सिंह यादव ने इसका उद्घाटन कर दिया था। अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस एक्सप्रेस वे को लेकर अपनी पीठ थपथपाई थी और रिकॉर्ड समय में इसे शुरू करने की बात भी कही थी।

इस प्रोजेक्ट की हकीकत यह है कि इसमें निर्माण का काम अभी भी चल रहा है। हफ्ते में कम से कम आधा दर्जन दुर्घटना इस पर होती ही है। 

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योगी सरकार ने अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट की जाँच के आदेश दे दिए हैं। सरकार ने 10 जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसके साथ ही 18 महीने में जमीन खरीद की जांच के आदेश भी दिए गए हैं। इस दायरे में करीब 230 गांव आएंगे जो एक्सप्रेस वे के किनारे बसे हैं। कृषि योग भूमि को रिहायशी जमीन के रूप में दिखाने का आरोप है और ऐसा इसलिए किया गया ताकि अधिक मुआवजा मिल सके।

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जिस कंपनी ने एक्सप्रेस वे का निर्माण किया उसके दस्तावेज भी मंगाए गए हैं। छह लेन वाले 302 किमी लम्बे एक्सप्रेस वे के बीच में 3 किमी लम्बी हवाई पट्टी भी बनी है और जेट की लैंडिंग कराकर इसका टेस्ट भी किया गया था।


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