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    कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी के प्रकरण में STF ने जांच का तरीका बदला, बचेगा नहीं कोई भी गुनहगार

    By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Wed, 24 Dec 2025 03:39 PM (IST)

    Cough Syrup Smuggling: सिंडिकेट के मास्टर माइंड शुभम जायसवाल और विकास सिंह नरवे, अमित टाटा और आलोक सहित 40 से ज्यादा आरोपितों के नाम अभी तक की जांच मे ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तस्करी के प्रकरण में कड़ा रुख 

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी के प्रकरण में कड़ा रुख दिखाने के बाद प्रकरण और गंभीर होता जा रहा है। करीब हजार करोड़ से अधिक के कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी के प्रकरण में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने जांच की प्रक्रिया में बदलाव किया है। एसटीएफ अब इस केस में तह तक जाकर पड़ताल कर रही है।

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    स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कफ सीरप की तस्करी के आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने के लिए जांच का तरीका बदल दिया है। अब एसटीएफ सहित विभिन्न थानों की पुलिस इस मामले की जांच केंद्रित बिंदुओं पर ही करेगी, जिससे अदालत में साक्ष्यों के आधार पर आरोपितों को बरी होने का कोई मौका न मिल सके। इस संदर्भ में विवेचकों को बारी-बारी से बुलाकर एसटीएफ मुख्यालय में प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।


    सीरप की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद 128 FIR

    प्रतिबंधित कफ सीरप की तस्करी के उजागर होने के बाद पुलिस ने विभिन्न थानों में 128 एफआइआर (प्राथमिकी) दर्ज की हैं। इस सिंडिकेट के मास्टर माइंड शुभम जायसवाल और विकास सिंह नरवे, अमित टाटा और आलोक सहित 40 से ज्यादा आरोपितों के नाम अभी तक की जांच में सामने आ चुके हैं। लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पिछले वर्ष कफ सीरप की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में भी शुभम को पिछले दिनों नामजद किया गया है।

    सभी थानों में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर जांच

    एसटीएफ इसकी जांच में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है। एसटीएफ की तरफ से सभी थानों में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर की गई जांच को एक साथ एकत्र करके अदालत में पेश किया जाएगा इसलिए जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी विवेचकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फिलहाल जांच में शुभम जायसवाल कंपनी से कफ सीरप कैसे मंगवाता था। इसकी कड़ियां आपस में कैसे जुड़ी हैं। आरोपितों ने पिछले कुछ वर्षों में कफ सीरप की तस्करी के कितनी कमाई की है और उसे कहां खपाया जैसे बिंदुओं पर केंद्रित जांच आगे बढ़ाने की तैयारी एसटीएफ ने की है।