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    यूपी में किसानों के लिए खुशखबरी! मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना की होगी शुरुआत; CM योगी ने द‍िए न‍िर्देश

    उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना शुरू करने का फैसला लिया है जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है ताकि किसानों को सस्ती दरों पर आसानी से ऋण मिल सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें।

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena Updated: Mon, 19 May 2025 02:30 PM (IST)
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    उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने योजना का विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है।

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    मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। किसानों को सस्ती दर पर सरलता से ऋण उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएं।

    सोमवार को आयोजित सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस योजना को मुख्यमंत्री ने दूरदर्शी और किसान-हितैषी पहल बताया। उन्होंने प्रस्तावित योजना में नाबार्ड के साथ-साथ सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि के लिए यह योजना एक प्रभावी कदम सिद्ध होगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन प्रभावी और समयबद्ध हो। इसके लिए सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता को बढ़ाने, शाखाओं के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और किसानों तक ऋण आसानी से पहुंचे इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने लघु और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि, पारदर्शिता और दक्षता को सहकारिता क्षेत्र की प्राथमिकताओं में शामिल करने के निर्देश दिए।

    अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक का ऋण वितरण वर्ष 2017 में 9,190 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2025 23,061 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। बैंक का शुद्ध लाभ 100.24 करोड़ रुपये हो गया है। इसी अवधि में जिला सहकारी बैंकों का कुल व्यवसाय 28,349 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,234 करोड़ तक पहुंचा और शुद्ध लाभ 162 करोड़ रुपये हुआ है। पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में फसली ऋण 11,516 करोड़ एवं दीर्घकालिक ऋण 393 करोड़ वितरित किया गया।

    अधिकारियों ने यह भी बताया कि भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए एआईएफ योजना के तहत 375 गोदामों का निर्माण कर 37,500 मीट्रिक टन की क्षमता विकसित की गई है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 2017 से अब तक 1,060 गोदामों के माध्यम से 1,17,350 मीट्रिक टन की क्षमता सृजित की गई है। वर्ष 2025-26 में 100 नए गोदामों का निर्माण प्रस्तावित है। देश की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के तहत 16 जिलों में 24 बी-पैक्स केंद्रों पर 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बनाए जाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने भंडारण क्षमता और बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नीति तैयार की जाए। पीसीएफ की कार्यप्रणाली में सुधार लाने और राइस मिलर्स का भुगतान तत्काल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सहकारी क्षेत्र में रिक्त बैंकिंग एवं नॉन-बैंकिंग पदों की शीघ्र भर्ती के लिए आईबीपीएस के माध्यम से चयन प्रक्रिया तेज करने को कहा।

    अधिकारियों ने बताया कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक तथा राज्य के 50 जिला सहकारी बैंकों को नाबार्ड के सीबीएस क्लाउड प्लेटफार्म से जोड़ा जा रहा है।

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