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    शत्रु संपत्तियों पर कब्जे के खिलाफ एक्शन मोड में CM योगी आदित्यनाथ, 1800 से ज्यादा प्रापर्टी से हटेगा अतिक्रमण

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Sun, 06 Nov 2022 04:39 PM (IST)

    Enemy Properties In UP यूपी में 1467 शत्रु संपत्तियों पर माफिया और अवैध कब्जेदारों ने कब्जा कर रखा है जबकि 369 पर सहकब्जेदारों का कब्जा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन बेशकीमती संपत्तियों के महत्व को समझ है। राजस्व को बढ़ाने के लिए अवैध कब्जे हटाने का निर्णय लिया है।

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    UP News: उत्तर प्रदेश में हैं देश की सबसे ज्यादा शत्रु संपत्तियां।

    लखनऊ, जेएनएन। माफिया पर चाबुक चलाने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जा करके बैठे लोगों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने जा रही है। प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब इन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रमुख सचिव स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। प्रदेश में मौजूद कुल 5936 शत्रु संपत्तियों में से 1826 पर अवैध कब्जेदार कब्जा करके बैठे हैं। एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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    पूर्ववर्ती सरकारों का रवैया रहा उदासीन

    यूपी में शत्रु संपत्तियों को लेकर पूर्ववर्ती सरकारों का रवैया हमेशा उदासीन रहा है। हजारों करोड़ रुपये की ऐसी संपत्तियां जिनसे प्रदेश सरकार को अरबों रुपये का राजस्व मिल सकता था, उनको मुक्त कराने के लिए पहले की सरकारों ने कुछ नहीं किया। इसी उदासीनता का नतीजा है कि अवैध कब्जेदार इन पर आज भी काबिज हैं और नये निर्माण भी कर चुके हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन बेशकीमती संपत्तियों के महत्व को समझते हुए और प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए ऐसे अवैध कब्जेदारों पर चाबुक चलाने का निर्णय लिया है।

    अवैध कब्जा करने वाले जिलों में टॉप पर शामली

    उत्तर प्रदेश भूलेख की वेबसाइट upbhulekh.gov.in को देखें तो 1467 शत्रु संपत्तियों पर माफिया और अवैध कब्जेदारों ने कब्जा कर रखा है, जबकि 369 पर सहकब्जेदारों का कब्जा है। वहीं 424 संपत्तियों पर कांग्रेस, जनता पार्टी, बसपा और सपा सरकारों के कार्यकाल में मामूली दरों पर किराये पर दिए गए किरायेदार काबिज है। इस तरह प्रदेश में मौजूद 2250 शत्रु संपत्तियों पर किसी न किसी का कब्जा है। शत्रु संपत्तियों पर सबसे ज्यादा अवैध कब्जा शामली जिले में है। वहीं सहकब्जेदारों द्वारा कब्जा करने के मामले में लखनऊ पहले स्थान पर है। साथ ही लखनऊ में किरायेदारों के कब्जे में भी सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं।

    किरायेदारों की संपत्तियों का दोबारा होगा मूल्यांकन

    सरकार किराए पर दी गई संपत्तियों का दोबारा मूल्यांकन भी कराने जा रही है। इन पर दशकों से काबिज किराएदार अभी तक मामूली किराया देते रहे हैं। इसको देखते हुए शत्रु संपत्तियों का बाजार दर के हिसाब से आंकलन किया जाएगा। उसके बाद फिर से सर्किल रेट के हिसाब से किराए की दरें तय की जाएंगी।

    क्या है शत्रु संपत्ति

    भारत विभाजन के बाद बहुत सारे लोग अपनी संपत्ति हिंदुस्तान में छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी संपत्ति सहित 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत सरकार ने इन देशों के नागरिकों की संपत्तियों को सीज कर दिया। इन्हीं सम्पत्तियों को शत्रु संपत्ति कहा जाता है।

    अवैध कब्जे के मामले टॉप 3 जिले

    जिला : शत्रु संपत्ति : अवैध कब्जा

    शामली : 482 : 268

    कौशांबी : 456 : 197

    सीतापुर : 378 : 111

    किराएदारों के कब्जे के मामले में टॉप 3 जिले

    • जिला : शत्रु संपत्ति : किराएदार
    • लखनऊ : 361 : 105
    • मुजफ्फरनगर : 274 : 85
    • बदायूं : 250 : 65

    सह खातेदारों के कब्जे के मामले में टॉप 3 जिले

    • जिला : शत्रु संपत्ति : सह खातेदार
    • लखनऊ : 361 : 57
    • जौनपुर : 57 : 40
    • देवरिया : 51 : 36

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