पशुपालन विभाग में भर्ती घोटाला के मामले में बड़ी कार्रवाई, निदेशक समेत छह बड़े अफसर निलंबित
प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में चकबंदी विभाग में हुई भर्ती के बाद अब पशुपालन विभाग में भर्ती घोटाले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के कार्यकाल में भर्तियों में बड़े पैमाने में घोटाले का जिन्न अब सामने आया है। चकबंदी विभाग के बाद पशुपालन विभाग में भी बड़ा घोटाला सामने आने पर सीएम योगी आदित्यनाथ का रुख बेहद सख्त हो गया है। इसके बाद निदेशक सहित छह बड़े अफसरों को निलंबित कर दिया गया है।
प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में चकबंदी विभाग में हुई भर्ती के बाद अब पशुपालन विभाग में भर्ती घोटाले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती घोटाले में पशुपालन विभाग के डायरेक्टर समेत छह बड़े अफसर को सस्पेंड किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर जांच कर रही एसआईटी ने भर्ती घोटाले का खेल उजागर किया। इस मामले में पशु पालन विभाग के निदेशक चरण सिंह यादव के साथ अपर निदेशक अशोक कुमार सिंह, बस्ती के अपर निदेशक जीसी द्विवेदी, लखनऊ मंडल के अपर निदेशक डॉक्टर हरिपाल, बरेली मंडल के अपर निदेशक एपी सिंह और अयोध्या अपर निदेशक अनूप श्रीवास्तव को निलंबित किया गया है।
इन सभी पर मानकों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से की गई थी पशुधन प्रसार अधिकारी की भर्ती करने का आरोप है। प्रदेशभर में 2012-13 में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती परीक्षा हुई थी। चेहतों को भर्ती करने के लिए इसमें बड़ी गड़बड़ी की गई। लिखित परीक्षा के साथ अफसरों ने 20 नंबर का इंटरव्यू नियम विरुद्ध का रख दिया था। इसके बाद लिखित परीक्षा 100 नंबर के बजाय 80 नंबर कर दी थी। अफसरों ने अपने चहेते अभ्यर्थियों को पास करने के लिए इसमें इंटरव्यू का खेल किया था।
प्रकरण सामने आने के बाद प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 28 दिसंबर 2017 में एसआईटी को जांच की जिम्मेदारी दी थी। एसआईटी ने जांच के बाद शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने निदेशक के साथ छह अपर निदेशक को निलंबित करने का आदेश दिया।
कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी को कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे। सभी भर्ती आयोगों के प्रमुखों को निर्देशित कर दिया गया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाए। जो लोग युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की कोशिश करेंगे, उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
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