सीएम योगी ने बांटे नियुक्ति पत्र, कहा- पारदर्शी भर्ती से यूपी बना देश का ग्रोथ इंजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) द्वारा चयनित चिकित्सा अधिकारियों और कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत 283 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के जरिए युवाओं को नई पहचान और वैश्विक मंच प्रदान किया गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आठ वर्ष पहले यूपीपीएससी, यूपीएसएसएससी और पुलिस भर्ती बोर्ड की कार्य पद्धति पर गंभीर सवाल उठते थे। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाएं लंबित रहती थीं। तत्कालीन सरकार और आयोगों की कार्यपद्धति पर न्यायालय ने भी सवाल खड़े किए थे।
उस समय उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था, लेकिन असल में बीमारू तत्कालीन व्यवस्था थी। आज सरकार की तत्परता, सुचिता और पारदर्शिता से राज्य नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनकर उभरा है, जो देश की अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए तैयार है।
सीएम योगी ने बांटे नियुक्ति पत्र
गुरुवार को लोक भवन में आयोजित समारोह में सीएम योगी ने आयुष विभाग और गृह विभाग के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) एवं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) द्वारा चयनित चिकित्सा अधिकारियों और कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित 283 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। इनमें आयुष विभाग के 163 चिकित्साधिकारी, दो रीडर (आयुर्वेद), 19 प्रोफेसर, तीन प्रवक्ता (होम्योपैथ) और गृह विभाग के तहत विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के 96 कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायक शामिल हैं।
पिछले आठ वर्षों में युवाओं को मिली नई पहचान
इस मौके पर मुख्य्मंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के जरिए युवाओं को नई पहचान और वैश्विक मंच प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सेवा नारों या भाषणों से नहीं, बल्कि ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से होती है।
उन्होंने अपील की कि नवचयनित पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें, ताकि उत्तर प्रदेश देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सके। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद यह न सोचें कि ड्यूटी नहीं करना आपका अधिकार है। जैसा करेंगे, वैसा फल पाएंगे।
'8.30 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी'
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में हमने 8.30 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। नियुक्तियां सुचिता और पारदर्शिता के साथ नहीं होतीं, तो ये सभी मामले कोर्ट में लंबित हो जाते और एक भी भर्ती पूरी नहीं हो पाती। इन आठ वर्षों में 1.56 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई। 60,200 पुलिसकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया हाल ही में पूरी हुई है।
बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। अन्य विभागों में भी इसी तत्परता के साथ भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। आज जब प्रशिक्षित और दक्ष कार्मिक शासकीय सेवा का हिस्सा बनते हैं, तो कार्यपद्धति में तेजी आती है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश आज बीमारू राज्य नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है।
उन्होंने आयुष विभाग में नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आयुष, आयुर्वेद, होम्योपैथी और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां भारत की प्राचीन विरासत का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इन पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए अलग मंत्रालय बनाया और आज इसके परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
आयुष विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश में एक आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हो चुकी है। वर्तमान में 2,114 आयुर्वेद, 254 यूनानी और 1,585 होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं। 15 जिलों में 50 शैय्या वाले इंटीग्रेटेड आयुष हास्पिटल शुरू हो चुके हैं जबकि तीन जिलों में निर्माण कार्य प्रगति पर है। साथ ही 1,034 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं और 225 आयुष चिकित्सालयों में योग व वेलनेस सेंटर शुरू किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने आयुष के क्षेत्र में हेल्थ टूरिज्म की संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में शुद्ध वातावरण और प्रचुर जल संसाधन हेल्थ टूरिज्म के अनुकूल हैं। धार्मिक टूरिज्म में उत्तर प्रदेश को नंबर एक बनाया है, अब हेल्थ टूरिज्म में भी इसे शीर्ष पर ले जाना है।
आयुष हास्पिटल और वेलनेस सेंटर इसके नए केंद्र बन सकते हैं। चिकित्सा अधिकारियों से अपील की कि वे आयुर्वेद की प्राचीन पद्धतियों और दादी के नुस्खों को संरक्षित करें। लोगों को प्राकृतिक खेती व संतुलित जीवनशैली के प्रति जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि कानून के राज और समयबद्ध न्याय की दिशा में एफएसएल लैब महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। किसी भी पीड़ित को समय से न्याय मिले और अपराधी को सजा दिलाने के लिए साक्ष्य जरूरी हैं। पहले प्रदेश में केवल चार एफएसएल लैब थीं, अब 12 हैं और 6 निर्माणाधीन हैं।
हर रेंज स्तर पर एफएसएल लैब स्थापित करने और हर जनपद में दो-दो मोबाइल लैब उपलब्ध कराने की योजना है। उत्तर प्रदेश स्टेट फारेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है, जहां डिप्लोमा और डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं।
मु्ख्यमंत्री ने आस्था और विरासत के सम्मान से रोजगार सृजन की बात करते हुए कहा कि महाकुंभ की सफलता में सभी विभागों के कार्मिकों की मेहनत दिखी। 45 दिनों के इस आयोजन में दुनिया भर से लोग आए और इसकी तारीफ की।
काशी, अयोध्या, चित्रकूट, गोरखपुर, नैमिषारण्य, मथुरा-वृंदावन और सुख तीर्थ जैसे क्षेत्रों में आस्था के सम्मान से लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं, तो दुनिया उससे जुड़ती है। पहले लोग योग को हेय की दृष्टि से देखते थे। आज 193 देश विश्व योग दिवस मनाते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले आजमगढ़ के नौजवानों को होटल या धर्मशाला में जगह नहीं मिलती थी, लेकिन आज वहां से एफएसएल लैब के लिए टेक्निकल स्टाफ का चयन हो रहा है। महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय, एयरपोर्ट और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ आजमगढ़ की नई पहचान बन रही है। पहले सरकारें पहचान का संकट खड़ा करती थीं, लेकिन आज हमारी सरकार युवाओं को नई पहचान के साथ वैश्विक मंच पर स्थापित कर रही है।
इस दौरान आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।