सीएम अखिलेश की बहन ने दी आत्मदाह की धमकी
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ममेरी बहन ने एटा आत्मदाह की धमकी दी है। उनकी इस धमकी से जिल
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ममेरी बहन ने एटा आत्मदाह की धमकी दी है। उनकी इस धमकी से जिला प्रशासन पसीना-पसीना है। दोहरे हत्याकांड में जेल में बंद अपने पति की रिहाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पति निर्दोष हैं। अगर पति से झूठे मुकदमे नहीं हटाए गए, तो सार्वजनिक रूप से आत्मदाह कर लेंगी। आरोपी के भाई ने भी आमरण अनशन शुरू करने की धमकी दी है। इस धमकी के बाद डीएम ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।
एटा के थाना पिलुआ के गांव गुलाबपुर में 22 अप्रैल 2014 को जमीनी विवाद के चलते दो ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी। हत्या में मुख्यमंत्री के रिश्तेदार एवं मिरहची थाना क्षेत्र के गांव कादरपुर के प्रधान सौरभ यादव तथा उनके सरकारी गनर रवि पर आरोप लगा। सौरभ यादव ही मुख्यमंत्री का रिश्ते में बहनोई है। सौरभ की पत्नी सीमा यादव ने पति और अंगरक्षक को निर्दोष बताते हुए उन पर लगे मुकदमे हटाने की मांग की है। सौरभ के भाई माधव व परिवार के अन्य लोगों ने कल जिलाधिकारी को एक पत्र दिया, जिसमें आरोपियों के बेगुनाह होने की बात कही। इसी पत्र में माधव ने कहा है कि सुनवाई न होने पर उसकी भाभी आत्मदाह कर लेंगी और वह स्वयं आमरण अनशन पर बैठ जाएगा।
दूसरी ओर, हत्याओं के आरोपीगण भाजपा नेता सुभाष यादव पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगा रहे हैं। सुभाष को हाल में कारागार में विवाद के बाद अलीगढ़ जेल भेज दिया गया था। इसके बाद सुभाष ने भी सौरभ पर आरोप लगाए। कल सुभाष यादव की अदालत में पेशी हुई। पुलिस ने रिमांड के लिए अदालत में अर्जी दी थी। अब इस पर आज सुनवाई होगी।
जमीन को लेकर है विवाद
गुलाबपुर गांव में नौ सितंबर 2013 एक जमीन (गाटा संख्या 283) सौरभ यादव ने खरीदी। इस पर दूसरे का कब्जा था। जमीन को लेकर फाय¨रग हुई, इसमें दो लोग मारे गए। उनके परिवारवालों ने सौरभ और गनर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। माधव का कहना है कि सौरभ अतिक्रमणकारियों से जमीन बचाने गए। जहां उनके भाई व गनर को ही विरोधी पक्ष की साठगांठ से प्रशासन ने आरोपी बना दिया। इस मामले में सौरभ पर आरोप है कि सौरभ और सरकारी गनर ने हत्या कीं। अब प्रकरण में अदालत सुनवाई करेगी।
आरोप पत्र हो चुका दाखिल
सौरभ यादव पर चल रहे हत्या के मामले में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। अब जमानत पर सुनवाई का फैसला अदालत को करना है। ऐसे में पुलिस या प्रशासन की स्थिति मामले में बहुत कुछ करने की नहीं है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।