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    UP Assembly Winter Session 2023: शीतकालीन सत्र में जातिवार जनगणना व परिवारवाद के मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में नोकझोंक

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Fri, 01 Dec 2023 08:37 AM (IST)

    यूपी विधानमंडल के चार द‍िवसीय शीतकालीन सत्र के तीसरे द‍िन सत्ता पक्ष व विपक्ष में जातिवार जनगणना व परिवारवाद के मुद्दे पर जमकर नोकझोंक हुई। सपा की पल्लवी पटेल ने कहा अनुपूरक बजट में अन्य धर्मों की उपेक्षा हुई है। वहीं जब संसदीय कार्य मंत्री ने जवाब में कहा क‍ि चर्चा अनुपूरक बजट पर सीमित रहनी चाहिए। ज‍िसके बाद हंगामा शुरु हो गया।

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    UP Assembly Winter Session 2023: जातिवार जनगणना व परिवारवाद के मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में नोकझोंक

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधानसभा में गुरुवार को जातिवार जनगणना और परिवारवाद के मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में नोकझोंक हुई। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सपा को घेरते हुए परिवारवाद का मुद्दा उठाया तो सपा सदस्य भी आक्रामक हो गए। विपक्ष ने भाजपा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, साथ ही कई विधायकों के नाम भी गिनाए।

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    वहीं, सपा सदस्य पल्लवी पटेल ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि अनुपूरक बजट में अन्य धर्मों की उपेक्षा की गई है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा की नजरों में यूपी केवल हिंदुओं का प्रदेश है। बजट में जैन, सिख, बौद्ध आदि समुदायों को क्या दिया गया। नाथ समुदाय को भी कुछ नहीं मिला। गरीबों और पिछड़ों को भी दरकिनार किया गया। मैं जातिवार जनगणना के लिए निजी विधेयक लेकर आई हूं, जबकि यह आपको लाना चाहिए था। इनकी नुमाइंदगी करने वाले आपके सदस्य पंगु हैं।

    संसदीय कार्य मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि चर्चा अनुपूरक बजट पर सीमित रहनी चाहिए। इतना कहते ही हंगामा शुरू हो गया और सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच नोकझोंक हुई। अधिष्ठाता मनोज पाण्डेय ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। सदन में चल रहे हंगामे के बीच पल्लवी पटेल का माइक बंद हो गया, जिससे वह नाराज होकर बाहर जाने लगीं। बाद में उन्हें रोका गया। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना वापस आए और कहा कि मैंने सभी दल के सचेतकों को सुबह ही बता दिया था कि केवल अनुपूरक बजट पर ही चर्चा सीमित रखी जाए, परंतु ऐसा नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

    मूल बजट जब खर्च नहीं तो अनुपूरक बजट की क्या जरूरत

    कांग्रेस सदस्य आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि जब सरकार मूल बजट का 50 प्रतिशत खर्च नहीं कर पाई तो फिर इस अनुपूरक बजट लाने की क्या जरूरत थी। यह बजट छलावे के अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने बढ़ती महंगाई को देखते हुए विधायकों का भत्ता बढ़ाने के साथ ही प्रत्येक सदस्य को 10-10 किलोमीटर सड़क और 100-100 हैंडपंप देने की मांग भी रखी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि ये विषय अनुपूरक बजट से संबंधित नहीं हैं।

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