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अयोध्‍या में जन्मभूमि का नाप कैसे लिया होगा? दिलचस्‍प है रामलला के मंदिर का नक्‍शा तैयार करने की कहानी

अहमदाबाद निवासी चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया था रामजन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर का नक्शा। चंद्रकांत के दादा प्रभाशंकर ने बनाया था सोमनाथ मंदिर का नक्शा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 08:22 AM (IST)
अयोध्‍या में जन्मभूमि का नाप कैसे लिया होगा? दिलचस्‍प है रामलला के मंदिर का नक्‍शा तैयार करने की कहानी
अयोध्‍या में जन्मभूमि का नाप कैसे लिया होगा? दिलचस्‍प है रामलला के मंदिर का नक्‍शा तैयार करने की कहानी

अयोध्या, (नवनीत श्रीवास्तव)। बीती सदी के आठवें दशक की बात है, जब विहिप नेता अशोक स‍िंहल ने रामजन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर का नक्शा बनाने का प्रस्ताव गुजरात के अहमदाबाद निवासी चंद्रकांत सोमपुरा को दिया था। सोमपुरा ने स‍िंहल का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। वे कहते हैं 'मेरे लिए यह अत्यंत गौरवपूर्ण हैं।' करीब 76 वर्षीय चंद्रकांत सोमपुरा ने अहमदाबाद के अक्षरधाम मंदिर, गुजरात के अंबा जी मंदिर, राजस्थान के सावरिया मंदिर, लंदन के स्वामी नारायण मंदिर, स‍िंगापुर के शिव मंदिर समेत कई नामी मंदिरों का नक्शा बना चुके हैं।

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वर्ष 1980 में नक्शा बनाने की प्रक्रिया आरंभ हुई और 1985 तक सोमपुरा ने इसे तैयार किया। इस सिलसिले में कई बार उनका अयोध्या आना हुआ। यह जानना भी दिलचस्प होगा कि नक्शा तैयार करने के लिए उन्होंने जन्मभूमि की नाप कैसे ली थी। वे बताते हैं कि नक्शा तैयार करने से पहले सबसे बड़ी चुनौती सही नाप लेने की थी। फीता ले नहीं जा सकते थे। किसी को शक न हो इसका भी ख्याल रखना था। इसलिए तय किया कि कदमों से परिसर की नाप लेंगे। वे बताते हैं कि  स‍िंहल ने उनसे कहा था कि 'मेरे वहां जाने से हल्ला मचेगा। इसलिए मैं बाहर ही बैठता हूं।' इसके बाद स‍िंहल परिसर के बाहर ही बैठे रहे और सोमपुरा कदमों से परिसर की नाप लेते रहे। 

तीन माह में बना नक्शा

नाप लेने के बाद चंद्रकांत सोमपुरा ने रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर का नक्शा तैयार करने में तीन माह का समय लगा था। फिर विहिप के शीर्ष नेताओं, संतों और अखाड़ों के प्रमुखों को यह नक्शा दिखाया गया। फिर तय हुआ कि इसी नक्शे के मुताबिक मंदिर का निर्माण किया जाएगा।

दादा ने बनाया था सोमनाथ का नक्शा

यूं तो सोमनाथ मंदिर युगों पूर्व से भव्यता और समृद्धि के लिए जाना जाता रहा है। मंदिर की इसी खूबी के चलते 1025 में महमूद गजनवी ने इस प्राचीन-पौराणिक मंदिर को न केवल लूटा बल्कि जाते-जाते मंदिर को ध्वस्त कर गया। लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ का उसकी गरिमा के अनुरूप पुनर्निर्माण सुनिश्चित कराया। भव्य स्थापत्य की मिसाल बने सोमनाथ मंदिर का नक्शा चंद्रकांत सोमपुरा के दादा प्रभाशंकर सोमपुरा ने तैयार किया था।  


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