आइएएस अनुराग की सीबीआइ जांच की सिफारिश पर केंद्र की मुहर
उत्तर प्रदेश सरकार ने आइएएस अधिकारी रहे अनुराग तिवारी मामले की सीबीआइ जांच कराने के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को अनुरोध पत्र भेज दिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश सरकार ने आइएएस अधिकारी रहे अनुराग तिवारी मामले की सीबीआइ जांच कराने के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को प्रोफार्मा (एक तरह का अनुरोध पत्र) भेज दिया है। कार्मिक मंत्रालय अपनी संस्तुतियां सीबीआइ को भेजेगा। जिसके बाद इस मामले की जांच पर सीबीआइ फैसला लेगी।
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मौत के पीछे साजिश का अंदेशा
अनुराग तिवारी का शव 17 मई को राजधानी के मीरा बाई मार्ग स्थित गेस्ट हाउस के पास सड़क पर पाया गया था। मौत से पहले की रात वह आइएएस संवर्ग के अपने बैचमेट पीएन सिंह के साथ स्टेट गेस्ट हाउस के कमरा नंबर-19 में रुके थे। जिन परिस्थितियों में उनका शव मिला था, उससे मौत के पीछे साजिश का अंदेशा था। अनुराग के भाई ने इस मामले में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह भी कहा था कि अनुराग कर्नाटक के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने वाले थे, जिनके चलते उनकी हत्या की गई है।
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सीबीआइ जांच की आवश्यकता
अनुराग के भाई मंयक व परिवार के अन्य सदस्यों ने 22 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अनुराग की मौत की सीबीआइ जांच कराने की मांग की थी। कहा था कि उनके भाई के मोबाइल का लॉक तोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने अफसरों के साथ विमर्श कर सीबीआइ जांच की संस्तुति का निर्णय किया। अब प्रदेश सरकार ने उपलब्ध साक्ष्यों व सीबीआइ जांच की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए प्रोफार्मा केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेज दिया है। सचिव (गृह) भगवान स्वरूप ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप अनुराग की मौत की सीबीआइ जांच कराने के लिए केंद्र सरकार को प्रोफार्मा भेज दिया गया है।
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अब सीबीआइ लेगी निर्णय
राज्य सरकार की ओर से सीबीआइ जांच का प्रोफार्मा भेजे जाने के बाद अब मामला केंद्र सरकार व सीबीआइ की कोर्ट में चला गया है। दरअसल, सीबीआइ राज्यों की संस्तुतियों के अनुरूप किसी मामले की जांच करने के लिए बाध्य नहीं होती है। वह केस की मेरिट पर निर्णय लेती है। आइएएस अनुराग की मौत के तार यूपी व कर्नाटक तक फैले होने के मद्देनजर उम्मीद जताई जा रही है कि सीबीआइ इस केस को जल्द अपने हाथ में लेगी।