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    स्टेट कैपिटल रीजन में बनेगा सेंट्रल म्यूजियम, एलडीए के सभागार में रीजन प्लान के सर्वे रिपोर्ट का प्रेजेंटेशन

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 03:20 AM (IST)

    लखनऊ के स्टेट कैपिटल रीजन में एक सेंट्रल म्यूजियम बनाया जाएगा। एलडीए सभागार में रीजन प्लान के सर्वे रिपोर्ट के प्रेजेंटेशन में इस परियोजना पर बात हुई। यह म्यूजियम क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा, साथ ही ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करेगा।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। राजधानी सहित छह जिलों को मिलाकर विकसित हो रहे उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपी एससीआर) में सेंट्रल म्यूजियम बनेगा। इसमें प्रदेश के सभी पर्यटक स्थलों के एआइ जनरेटेड थ्रीडी विजुअल्स प्रदर्शित किए जाएंगे। इससे इतिहास के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। यह पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।एलडीए के पारिजात सभागार में शुक्रवार को एससीआर के रीजनल प्लान के सर्वे रिपोर्ट का प्रेजेंटेशन देखते हुए एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि एससीआर के लिए जीआइएस आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने के लिए कंसल्टेंट के रूप में एईकाम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व एजीस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम का चयन किया गया है।

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    कंसल्टेंट कंपनी एक वर्ष में रीजनल प्लान तैयार करेगी। कंपनी अगले पांच वर्ष में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिह्नित करते हुए उनका डीपीआर तैयार करके स्थल पर परियोजनाओं को क्रियान्वित कराने का कार्य कराएगी।
    एससीआर में लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली जिले शामिल हैं, इसका क्षेत्रफल लगभग 26,000 वर्ग किलोमीटर है।

    कंसल्टेंट द्वारा सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया, अन्य जिलों की तुलना में लखनऊ अधिक विकसित है। आसपास के जिलों से रोजाना हजारों लोग व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत विभिन्न कारणों से लखनऊ आते हैं। एससीआर के रूप में आसपास के जिलों में भी समानांतर रूप से विकास किया जाएगा।

    इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार व व्यवसाय के अवसर सृजित होंगे। गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुंचेंगी और लोगों को उनके क्षेत्र में ही निवास, व्यापार व नौकरी आदि के लिए बेहतर माहौल मिलेगा। जिलों के बीच हाई स्पीड कनेक्टिविटी का प्रविधान करने से दूसरे स्थान पर बसने में कमी आएगी।

    सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने कहा, लखनऊ का विकास शहरीकरण की वजह से हुआ। बाराबंकी व उन्नाव आदि जिलों में शहरीकरण के लिए विस्तृत प्लान तैयार कराने की जरूरत है। जिलों में पेयजल व विद्युत की कितनी खपत है। आबादी के अनुपात में स्वास्थ्य, शिक्षा समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं का क्या दायरा है?

    इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनानी होगी। यहां पर विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, सांसद प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ला, मुख्य नगर नियोजक केके गौतम व मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा समेत अन्य अधिकारी, अभियंता व कंसल्टेंट उपस्थित रहे।

    सीतापुर व हरदोई रोड पर कृषि आधारित उद्योग का हब बनेगा

    सांसद प्रतिनिधि ने कहा, इस समय 16 करोड़ पर्यटक अयोध्या आ रहे हैं। इन्हें लखनऊ व एससीआर के अन्य जिलों से कैसे कनेक्ट किया जाए, उसके लिए भी विस्तृत प्लान तैयार किया जाए। सीतापुर व हरदोई रोड पर कृषि आधारित उद्योगों का हब विकसित करने के लिए रूपरेखा तैयार की जाए।

    एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया, लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली में आधारभूत सुविधाओं को उच्चीकृत करने पर काम किया जा रहा है। जिलों के बीच हाई स्पीड रेल व रोड कनेक्टिविटी का प्रविधान किया जा रहा है। आवागमन तेज और सुगम होने से औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को बल मिलेगा।